लखनऊ। लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र अपने घोषणाओं को जारी रखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दूबे ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए देश के नागरिकों की मोदी जनित महंगाई से मुक्ति का शंखनाद कर दिया है। पहले हर गरीब परिवार की महिला को 1 लाख रुपये साल देने का वादा किया फिर युवाओं की पहली नौकरी की पक्की की घोषणा ने देश के हर घर को खुशियों से भर दिया। मनरेगा मजदूरों को 400 रुपये प्रतिदिन का आत्मसम्मान उनकी दहलीज पर रख दिया। अब 5 किलो नहीं बल्कि 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति प्रति माह की घोषणा ने इतिहास रच दिया।
श्री दूबे ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार ने कांग्रेस पार्टी द्वारा लाया गया खाद्य सुरक्षा कानून 2013 का नाम बदलकर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना रख दिया। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी के 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेंहू और चावल 2 और 3 रूपये प्रतिकिलो में दिया जा रहा था। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 14 करोड़ 97 लाख लोगों को शामिल किया गया था।
अभय दूबे ने कहा कि मोदी सरकार ने कोविड की महामारी को देखते हुए 21 अपै्रल 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना प्रारंभ की गई थी जिसके तहत 5 किलो अतिरिक्त अनाज प्रत्येक व्यक्ति को दिया जाना तय किया गया था, जिसके तहत 4 किलो गेंहू और 1 किलो चावल दिया जा रहा था। इस योजना को मोदी सरकार ने 1 जनवरी 2023 को बंद कर दिया, और 2013 के खाद्य सुरक्षा कानून का नाम बदलकर इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना नाम दे दिया।
10 किलो अनाज के साथ दाल और खाने का तेल भी
अभय दूबे ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने देश को महंगाई की मार से बचाने के लिए अपने घोषणा पत्र में दाल और तेल मुहैया कराने का वादा किया है जबकि मोदी सरकार ने 10 से 12 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा कानून से वंचित किया। लगभग 12, 13 करोड़ लोगों को मोदी सरकार की नाकामी की वजह से इसका लाभ नहीं मिल रहा है। श्री दूबे ने बताया कि मोदी जी ने 07 अगस्त 2013 को खाद्य सुरक्षा कानून लाये जाने पर अपनी असहमति लिखित में व्यक्त करते हुए इसे दोषपूर्ण भी बताया था। प्रेसवार्ता में उप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ सीपी राय, नेशनल मीडिया कोऑर्डिनेटर गरिमा मेहरा दसौनी, चित्रा बाथम तथा उप्र कांग्रेस प्रवक्ता शुचि विश्वास उपस्थित रहे।