आज़मगढ़ 28 जनवरी 2025
आजमगढ़ मण्डलायुक्त विवेक ने मंगलवार को अपने कार्यालय सभागार में राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यों की मण्डलीय समीक्षा बैठक में मण्डल के जनपदों में कतिपय कार्यक्रमों में सन्तोषजनक प्रगति नहीं होने के कारण सम्बन्धित अधिकारियों को तत्काल इस ओर विशेष ध्यान देकर अपेक्षित प्रगति लाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने सचेत किया कि यदि अगले माह तक लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति नहीं पाई गयी तो सम्बन्धित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। मण्डलायुक्त विवेक ने समीक्षा में मुख्य रूप से राजस्व से सम्बन्धित उन कार्यक्रमों को चिन्हित किया, जो मुख्यमन्त्री डैशबोर्ड पर बी, सी, डी या ई ग्रेड में हैं। समीक्षा के दौरान पाया गया कि मुख्यमन्त्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना के अन्तर्गत जनपद बलिया में एक आवेदन का निस्तारण विलम्ब से किये जाने, जनपद मऊ में मण्डी आय एवं मण्डी आवक में लगातार लक्ष्य से कम उपलब्धि हासिल की गयी है, जिससे जनपद की रैंकिंग काफी कम है। उन्होंने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए बलिया एवं मऊ के प्रभारी सचिव, मण्डी परिषद को चेतावनी निर्गत करने हेतु निर्देशित किया।
प्रधानमन्त्री आवास योजना-शहरी में अवगत कराया गया कि जनपद बलिया में अपात्रों के नाम सूची में सम्मिलित हो गये हैं, जिससे प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष नहीं है। इस स्थिति पर मण्डलायुक्त ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्य राजस्व अधिकारी बलिया को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा में विदित हुआ कि एमचेक के माध्यम से वाहनों की जॉंच में निर्गत नोटिस के सापेक्ष धनराशि कम जमा कराई गयी है। इसी प्रकार जनपद बलिया में गेटचेक के माध्यम से भी निर्गत नोटिस के सापेक्ष धनराशि कम वसूल की गयी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में आजमगढ़ एवं बलिया के खनन अधिकारी को चेतावनी निर्गत करने हेतु निर्देशित किया।
मण्डलायुक्त विवेक ने मण्डल के जनपदों में राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए तीनों जनपद के अपर जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वादों के निस्तारण की माइक्रो मानीटरिंग की जाय तथा सुनिश्चित किया जाय कि सभी पीठासीन अधिकारी नियमित रूप से न्यायालय में अवश्य बैठें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि कम न्यायिक कार्य करने वाले तथा कम निस्तारण करने वाले पीठासीन अधिकारियों को चेतावनी निर्गत की जाय। मण्डलायुक्त ने धारा-34 नामान्तरण के राजस्व वादों की समीक्षा में पाया कि जनपद बलिया में इस धारा के अन्तर्गत कुल 8,772 वाद लम्बित हैं, जिसमें 5.10 प्रतिशत वाद 45 दिन से अधिक अवधि के हैं। इसके अलावा निस्तारण की स्थिति भी सन्तोषजनक नहीं है, जिससे बलिया को ई ग्रेड प्राप्त है तथा रैंकिंग में 73वें स्थान पर है। इसी प्रकार धारा-24 पैमाइश के वादों में बलिया में 6.82 प्रतिशत, मऊ में 5.37 प्रतिशत तथा आजमगढ़ में 5.35 प्रतिशत वाद तीन माह से अधिक अवधि के हैं, जिसके कारण बलिया को डी ग्रेड तथा मऊ व आजमगढ़ को सी ग्रेड प्राप्त है, इसकी रैंकिंग में बलिया 58वें, मऊ 48वें एवं आजमगढ़ 43वें स्थान पर है। मण्डलायुक्त विवेक ने निर्देश दिया कि राजस्व वादों के दैनिक और क्रमिक निस्तारण की नियमित रूप से समीक्षा की जाय तथा कम निस्तारण करने वाले पीठासीन अधिकारियों तथा सम्बन्धित कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाय। बैठक में अपर जिलाधिकारी, बलिया द्वारा अपने जनपद में 1-3 वर्ष, 3-5 वर्ष एवं 5 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों एवं निस्तारण की जानकारी नहीं दी गयी। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त किया तथा अपर जिलाधिकारी बलिया को इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा में पाया कि एमओयू मानीटरिंग के तहत जनपद में जीबीसी रेडी हेतु लक्ष्य काफी अधिक रखा गया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने शासन को लक्ष्य संशोधित कराये जाने के सम्बन्ध में यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने संयुक्त निदेशक, कृषि को निर्देशित किया कि फसल अवशेष प्रबन्धन योजना के तहत प्राप्त आवेदनों पर तत्परता से कार्यवाही की जाय। बैठक में अन्य राजस्व से सम्बन्धित अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की गयी।
इस अवसर पर अपर आयुक्त-प्रशासन शमशाद हुसैन, अपर जिलाधिकारी-एफआर आजमगढ़ आजाद भगत सिंह, एडीएम बलिया डीपी सिंह, एडीएम मऊ सत्यप्रिय सिंह, मुख्य अभियन्ता विद्युत नरेश कुमार, सहायक आयुक्त औषधि गोविन्द लाल गुप्ता, सहायक आयुक्त खाद्य श्रवण कुमार मिश्र, उपायुक्त स्टाम्प अविनाश पाण्डेय सहित अन्य विभागों के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी उपस्थित थे।