जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा विद्युत विभाग को सुधारने में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ विभाग का काम करने वाली प्राइवेट कंपनीयों के कर्मचारी बिजली बिल के नाम पर उपभोक्ताओं के साथ हो रही धोखाधड़ी यह पूरा मामला जनपद देवरिया का सामने आया है जहां मीटर रीडरों की मनमानी के चलते उपभोक्ता परेशान हैं। आलम यह है कि मीटर रीडर घर बैठे ही लोगों का बिजली बिल तैयार कर दे रहे हैं। उसमें सुधार करने के लिए हर दिन उपभोक्ता बिजली विभाग के कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उधर कार्रवाई के बाद भी मीटर रीडरों में सुधार नहीं हो रहा है। हालात यह हैं कि अगर किसी का बिजली का बिल कम होता है तो उसे ज्यादा बना देते हैं।
जिले में 4.72 लाख बिजली विभाग के उपभोक्ता हैं, इसमें से साढ़े चार लाख उपभोक्ताओं के दरवाजे पर बिजली विभाग का मीटर लग गया है। हर महीने मीटर रीडिंग लेने के लिए प्राइवेट फर्म को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन फर्म के कर्मचारी हर महीने दरवाजे-दरवाजे जाकर मीटर रीडिंग लेंगे। लेकिन अधिकांश जगहों पर मीटर रीडर दरवाजे पर नहीं जा रहे हैं और मनमौजी रीडिंग तैयार कर लोगों के घर बिजली बिल भेज दे रहे हैं। हाल के दिनों में सात मीटर रीडरों पर इस लापरवाही के चलते कार्रवाई भी हो चुकी है। बावजूद इसके उनमें सुधार नहीं हो रहा है।देवरिया शहर के रामगुलाम टोला की रहने वाली मालती देवी का कहना है कि उन्होंने तीन माह से अपने दरवाजे पर मीटर रीडर को देखा ही नहीं। उन्होंने बताया कि कभी 1800 का बिल आ रहा है तो कभी 1200 का। कुछ दिन पहले तो तीन हजार रुपये का बिजली बिल आया था। यही बात देवरिया खास के उपभोक्ता रामायण का कहना है कि मीटर की रीडिंग लेने के लिए कोई आता ही नहीं है।
हालांकि इस मामले में विद्युत विभाग ने उपभोक्ताओं एक सूचना भी दी है कि अगर मीटर रीडर नहीं आता है तो इसको लेकर उपभोक्ता गंभीर हो जाएं और खुद मीटर रीडिंग का वीडियो बनाएं और जेई तथा एसडीओ के पास लेकर जाएं। वह आपका रीडिंग तैयार कर उसमें संशोधन करेंगे और रीडर पर कार्रवाई भी करेंगे।हालांकि लापरवाही बरतने वाले मीटर रीडरों के खिलाफ कार्यवाही भी की जा रही है। अगर बिलिंग में दिक्कत समझ में आए तो अवर अभियंता से उपभोक्ता शिकायत करें। साथ ही मोबाइल में मीटर रीडिंग का वीडियो बनाकर लाएं। तत्काल संशोधन भी कर दिया जाएगा।