बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका अहम – स्वतंत्र देव सिंह

Press Release उत्तर प्रदेश

मानसून आने से पहले बाढ़ की तैयारियों के मद्देनजर आज जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इंटर एजेन्सी ग्रुप (आईएजी) के 46 सदस्य संस्थाओं के पदाधिकारी इसमें शामिल हुए। सिंचाई एवं जल संसाधन के मुख्यालय स्थित सभागार में बैठक के दौरान जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं को योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राष्ट्र और समाज के हित में परिश्रम की पराकाष्ठा पर जाकर अपने दायित्वों का निर्वहन करने का संस्थाओं के पदाधिकारियों को मंत्र भी दिया।

आपदा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करते हुए जलशक्ति मंत्री ने स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से कहा कि आपकी पहुंच गांव-गांव तक है। आपका सूचना तंत्र और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क काफी बड़ा है। आपकी पकड़ बाढ़ संभावित इलाकों में सरकार और समाज दोनों के लिए उपयोगी साबित होगी। उन्होंने संस्थाओं से सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठनों की मदद से बाढ़ के दौरान होने वाली जान-माल की हानि को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने संस्थाओं से आपदा प्रबंधन तैयारी की जानकारी ली और प्रेजेंटेशन भी देखा। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों से राष्ट्रहित और आने वाली पीढ़ियों के लिए भूजल को बचाने के प्रयासों में भागीदारी करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों को पूरा करते हुए नदियों के किनारे पड़ने वाले गांवों में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करने में स्वयंसेवी संगठन बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

बैठक के दौरान इंटर एजेन्सी ग्रुप (आईएजी) की 46 सदस्य संस्थाओं जैसे एक्शन एड, वॉटर एड, आगा खान फाउंडेशन, टटा ट्रस्ट्स, केयर इंडिया, यूनीसेफ आदि की तरफ से शीला मिश्रा, उवर्शी, फारुख खान, जयराम पाठक, सूर्यप्रताप मिश्र, शिराज, वजीम आदि कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

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