विवाहिता का दलित होना बना अभिशाप ससुराल पक्ष कर रहा है प्रताड़ित, विवाहिता को जान का है खतरा

Crime उत्तर प्रदेश

महिला सशक्तिकरण को लेकर सरकार चाहे लाख दावे कर ले,लेकिन अभी भी कुछ ऐसे मामले हैं जहां सरकार के दावे फेल होते नजर आते हैं।
ताजा मामला जनपद लखनऊ निवासी एक युवती का आया है जो दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी कर रही थी।
दिल्ली में तैयारी के दौरान ही युवती का रणविजय यादव निवासी आजमगढ़ के साथ प्रेम प्रसंग शुरू हो गया मामला इतना बढ़ गया युवक युवती ने वर्ष 2018 में कोर्ट मैरिज कर लिया।
 लेकिन 1 साल के बाद रणविजय यादव युवती को छोड़कर भाग निकला, इतना ही नहीं पीड़िता की मां ने बताया कि रणविजय ने अपना फोन भी बंद कर लिया और अपने परिजनों की तरफ से युवती के ऊपर तलाक देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
 हालांकि काफी बातचीत और जद्दोजहद के बाद वर्ष पूरे रिवाज के साथ युवती और युवक रणविजय की शादी कर दी गई।
लेकिन शादी के बाद लगातार रणविजय यादव अपनी विवाहिता पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करता रहता है। इतना ही नहीं युवती के दलित होने के कारण लगातार जातिगत टिप्पणी पूरे ससुराल पक्ष के द्वारा किया जाता है। जिसको लेकर युवती हमेशा सदमे में रहती है। इतना ही नहीं पति रणविजय के द्वारा अपने विवाहिता पत्नी को लगातार जातिसूचक गालियां दी जाती हैं। साथ ही उसे आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है। जिसको लेकर युवती की मां ने पूरे मामले को लेकर थाने पर तहरीर दी, स्थानीय थाने के द्वारा दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया।
लेकिन हालात कुछ दिन बाद ज्यों के त्यों हो गए और ससुराल पक्ष के द्वारा युवती को उसी के घर में नजरबंद करके रखा दिया गया है। ऐसे में युवती के आईएएस बनने का सपना सपना ही रह गया, साथ हमेशा युवती भय के साए में जी रही है।
हालांकि इन बातों को लेकर युवती की मां ने जब आवाज उठाई तो ससुराल पक्ष के द्वारा मां बेटी दोनों को जान से मारने की धमकी भी दी गई।
युवती की मां की माने तो यह सारा कारनामा युवती के ससुराल पक्ष के द्वारा इसलिए किया जा रहा है कि युवती एक दलित समुदाय से है। जिसे रणविजय यादव के परिजन किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करना चाहते।
रणविजय यादव के माता पिता अपने पुत्र का विवाह अपनी ही बिरादरी के लड़की के साथ तय कर चुके हैं और उसी के साथ अपने बेटे की शादी करना चाहते हैं और यही कारण है कि लगातार युवती के ऊपर तलाक देने के लिए ससुराल पक्ष के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। युवती को लगातार आत्महत्या के लिए उकसाया जा रहा है बार-बार युवती को जातिसूचक गालियां देकर बहुत सी अपमानजनक अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है।
ऐसे हालात में युवती एवं युवती की मां दोनों ही बुरी तरह से भयभीत हैं। युवती की मां ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से न्याय की गुहार लगाई है। युवती की मां ने अपनी पुत्री के भविष्य के लिए उसके आईएएस की तैयारी को पूरा करवाना चाहती है जो की ससुराल में नजरबंद है ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब सरकार लगातार जात-पात के भेदभाव को मिटाकर सभी को विकास के मार्ग पर अग्रसर करना चाहती है,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर लगातार काम कर रही है। महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। लेकिन उसके बावजूद अभी भी समाज में ऐसे दकियानूसी विचारधारा के लोग हैं जो अपनी व्यक्तिगत विचारधारा से बाहर नहीं निकलना चाहते।
अब देखने वाली बात यह होगी धोखे से प्रेम जाल में फंसा कर दलित युवती का शोषण करने के बाद जबरन तलाक लेने का दबाव बनाने वाले लोगों के ऊपर सरकार क्या कार्यवाही करती है।

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