कहा जाता है कि जनप्रतिनिधि कोई भी कार्य जनता के हित के लिए करता है और बिना किसी भेदभाव के करता है लेकिन राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा का एक ऐसा विकास कार्य का मामला सामने आया है। जहां राजनीतिक द्वेष भावना और सच्चाई लिखने वाले पत्रकार विद्वेष भावना रखते हुए उनके घर के पास निर्माण कार्य को नहीं कराया गया। राजनीति में द्वेष भावना कोई मांईने नहीं होता है, अधिकांश मामलो में समर्थकों के काम राजनेता करते हैं तथा विरोधियों के काम में रोडा भी अटकाया जाता है ।
किंतु देश एव विकास के मुद्दे पर इस भावना से कार्य नहीं होता,जो मुद्दे सीधे आम जन से जुडे होते हैं जिससे आम आदमी रोज जूझते है ।
किंतु राजधानी लखनऊ में विकास कार्यो में भी द्वेष की भावना से कार्य हो रहा है। राजधानी लखनऊ के मध्य विधानसभा के विधायक तथा पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा की विधायक निधि से हो रहे कार्यो में खुल कर भेदभाव उजागर हो रहा है ।
जहाँ पूरी गली तो बनाई जा रही है, किंतु गली के अंत मे एक पत्रकार तथा दो भरतीय जनता पार्टी के समर्थकों के मकान के सामने की गली नहीं बनाई जा रही है ।
क्योंकि विधायक रविदास मेहरोत्रा ने इन तीन मकानों के सामने की लगभग 100/- स्क्वायर फिट की गली भवन संख्या 182/-27 के बीच से गई बसंती कला महल की 80- फिट गली की फाइल ही नहीं बनाई गई ।
समर्थन एव विरोध एक ही सिक्के के दो पहलू हैं,बिना विरोध के ना ही मजबूत सरकार चल सकती है और ना ही राजनीति, इसलिए भारतीय लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सभी नागरिकों को दिया गया है ।
किंतु राजनीति के इतिहास में कभी विरोधियों के प्रति राजनीतिक द्वेष देखा गया है लेकिन विकास कार्य को लेकर कभी द्वेष भावना नहीं नजर आती है, विशेष कर देश और विकास के मुददों पर किंतु सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा कि निधि से लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र के वार्ड मशकगंज वजीरगंज के मोहल्ला मशकगंज में लल्लूमल रोड से मोहल्ला मशकगंज की ओर की गली जो भवन संख्या 182/14- से प्रारंभ होकर भवन संख्या 182/64 पर आकर समाप्त हो जाती है, यह गली सीधे बनते हुए आई और भवन संख्या 182/26 के पास से भवन संखया 182/30 /31 की ओर मोड़कर गली बना दी गई ।किंतु आगे सीधे लगभग 100- फिट की गली बनाने की फाइल ही नहीं बनीं।
कारण इन मकानों में से भवन संख्या 182/27- एस खान पत्रकार का है तथा भवन संख्या 182/27 गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव तथा भवन संख्या 182/29- के जी श्रीवास्तव के हैं ।
यहीं से दाहिने ताजी खाना मल्लाही टोला की ओर जाने वाली गली बन चुकी है तथा बाईं ओर खेमे दोजान तथा नाला गौसगंज की ओर जाने वाली गली बनना शुरू हो गई है ।
किंतु बीच का सौ फिट टुकड़ा तथा बसंती कला महल वाली गली नहीं बनाई जा रही है ।इसे द्वेशवश से किया जाना ना कहा जाए तो और क्या कहा जाना चाहिए ।