सरकार की योजनाओं को चुना लगा रहा है आयुष विभाग,आरोग्य में मेले में बंद दिखा चिकित्सालय

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सदर चिकित्सालय पर नहीं दिखा, आरोग्य मेल

आजमगढ़। यूँ तो कोरोना काल में आर्युवेदिक दवाओं के बेहतर असर को देखते हुए केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा जड़ी-बूटियों पर आधारित चिकित्सकीय सेवा को बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास किये।

सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को देखते हुए आम जनमानस  का आयुष चिकित्सा पद्धति पर विश्वास करने वाले की संख्या भी बढ़ गई है। इस लिये केंद्र व राज्य की सरकाररों ने सरकारी अस्पतालों पर आरोग्य मेला का आयोजन कर जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रदान करने का प्रयास कर रही हैं लेकिन सरकार के नुमाइंदे उनकी मंशा पर पानी फेर रहे हैं।  बतादें कि आयुर्वेदिक एवं यूनानी के २५ शैय्या कर्मचारी और डॉक्टर आरोग्य मेले में नदारद दिखेे औ अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला बन्द दिखा यहां रविवार को आयोजित होने वाले आरोग्य मेले की जानकारी लोगों को देने के बाद भी इस कार्यक्रम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। नतीजा रहा कि आरोग्य मेले में पहुंचकर चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाने के लिए वहां पहुंचे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा।

बताते चलें कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के आयुष विभाग द्वारा नगर क्षेत्र में 25 शैय्यायुक्त आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित किया जाता है। यहां चिकित्सक सहित कुल 25 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। चिकित्सालय का प्रभार डा० मोनिका अग्रवाल को सौंपा गया है। नगर क्षेत्र में निवास करने वाली महिला चिकित्सक कभी अस्पताल पर उपस्थित नहीं मिलती। शनिवार को आरोग्य मेले की जानकारी लेने के लिए वहां पहुंचे खबरनवीस को उनकी अनुपस्थिति के बारे में बताया गया कि आरोग्य मेले के कारण उन्हें शनिवार को प्रतिकर अवकाश दिया गया है। जबकि अस्पताल के अन्य स्टाफ भी ड्यूटी से अनुपस्थित मिले। अस्पताल में मात्र तीन कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें फार्मासिस्ट पद पर तैनात रामसेवक प्रजापति एवं प्रमोद चौधरी नामक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ ही एक महिला कर्मचारी की मौजूदगी मिली। चिकित्सा सुविधा के बारे में पूछे जाने पर इन कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि रविवार को आयोजित आरोग्य मेले में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रविवार को पूर्वाह्न ११.३० बजे जब इस आयोजन की सच्चाई जानने के लिए मीडिया से जुड़े लोग अस्पताल पहुंचे तो वहां अस्पताल के मुख्य गेट पर ताला बंद देख हैरानी हुई। आरोग्य मेले के बारे में जानकारी लेने के लिए जब आसपास के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यहां सब कुछ भगवान भरोसे चलता है। सरकार इतने लंबे-चौड़े स्टाफ के लिए वेतन व अन्य सुविधा तो मुहैया कराती है लेकिन मरीजों के नाम पर यहां कुछ भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कोई क्यों इस सुविधा के बारे में या आयुर्वेद के बारे में सोचे। इस बाबत जानकारी लेने के लिए जब अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डा० मोनिका अग्रवाल से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल इनकमिंग सुविधा उपलब्ध न होने की जानकारी दे रहा था। वहीं जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डा० अच्छेलाल को जब इस बारे में जानकारी दी गई तो उनका जवाब सुन सभी हतप्रभ रह गए। उनका यह कहना कि शायद कार्यक्रम संपन्न हो जाने के बाद सभी चले गए हों। जब उन्हें इस बात से अवगत कराया गया कि अभी १२ भी नहीं बजा है और आरोग्य मेले की समयावधि तो अपरान्ह दो बजे तक जरूर होना चाहिए। इस सवाल पर उनका जवाब मिला कि ठीक है अभी इसे दिखवाते हैं।

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