आजमगढ़। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान चकवल में रखी मतपेटियों की सुरक्षा के लिए वर्तमान सपा विधायक रमाकांत यादव खुद चकवल में बैठे थे। इस दौरान वहां कुछ कर्मियों से मारपीट हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें बाद में इनका नाम भी शामिल किया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एमपी एमएलए कोर्ट के जज अनुपम त्रिपाठी ने उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया।
2022 के चुनाव में मतदान के बाद जब ईवीएम बदलने की हवा उड़ी तो पूर्व सांसद रमाकांत यादव अपने समर्थकों के साथ ईवीएम की रखवाली करने के लिए खुद चकवल पहुंच गए। उन्होंने वहीं पर टेंट लगा दिया। एक दिन कुछ कर्मी लैपटॉप आदि लेकर जब अंदर जाने लगे तो उनसे इनकी झड़प हो गई।
पुलिस ने इस मामले में लैपटॉप छीनने और मारपीट का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया। उनके अधिवक्ता बताया कि पहले इस मामले में पूर्व सांसद और वर्तमान सपा विधायक रमाकांत यादव का नाम नहीं था लेकिन बाद में पुलिस ने इसमें उनका नाम भी शामिल कर दिया।
कोर्ट में मुकदमा चला, वहीं पुलिस छीने गए लैपटाॅप की बरामदगी नहीं कर सकी। सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा कोई ठोस सबूत पेश न करने के कारण एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले से बरी कर दिया।