‘‘विश्व हाथ स्वच्छता दिवस’’ के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा 4 मई 2024 को टेलीमेडिसिन सभागार में विभाग का 36वां स्थापना दिवस और पूर्व छात्र सम्मेलन बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। हर वर्ष 5 मई को ‘‘विश्व हाथ स्वच्छता दिवस’’ के अवसर पर एसजीपीजीआई में जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
‘‘विश्व हाथ स्वच्छता दिवस’’ की इस वर्ष की थीम ‘‘अभिनव और प्रभावशाली प्रशिक्षण के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं के ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना’’ पर आधारित एक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन 3 मई को किया गया था, जिसके विजेताओं को शनिवार को इस मौके पर पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ. आर.के. धीमन ने हाथ की स्वच्छता जागरूकता पर मुख्य बिंदुओं के साथ सभा को संबोधित करते हुए रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने रोगी देखभाल के लिए और आईसीयू में बैक्टीरिया में दवा प्रतिरोध के बढ़ते बोझ को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला।
डाॅ धीमन ने बताया कि हाथों को साफ रखने से 3 में से 1 डायरिया रोग और 5 में से 1 श्वसन संक्रमण जैसे सामान्य सर्दी या फ्लू को रोका जा सकता है। संक्रमणों को हाथ रगड़ने या साबुन और पानी से हाथ धोने से इसे आसानी से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि मास्क पहनना और हाथ की स्वच्छता हमारे बचाव के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ. शालीन कुमार, डीन ने बेहतर रोगी देखभाल के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हाथ की स्वच्छता को महत्व दिया।
आरएमएलआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो डॉ. मनोदीप सेन ने ‘‘संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण पर ज्ञान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना’’ विषय पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उचित रक्त संग्रह तकनीकों, हाथ की स्वच्छता के लिए सिफारिशों, उचित हाथ स्वच्छता उत्पादों के चयन व विश्व स्वास्थ्य संगठन के हाथ स्वच्छता दिवस के उद्देश्यो पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की गई। प्रो. चिन्मय साहू, एडिशनल प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी एसजीपीजीआई ने ‘‘संवेदनशीलता के ब्रेकप्वाइंट बनाम एमआईसी ब्रेकप्वाइंट की भूमिका’’ पर व्याख्यान दिया।
संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के स्नातकोत्तर छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा विश्व हाथ स्वच्छता दिवस पर आधारित एक जानकारीपूर्ण लघु नाटिका और नृत्य प्रस्तुत किया गया। डॉ. केएन प्रसाद, प्रो. और पूर्व-एचओडी ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग में अपने यादगार अनुभव साझा किये। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. अजय कुमार दीक्षित, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी और मलय घर, मुख्य तकनीकी अधिकारी ने अपने अनुभवों को साझा किया। स्थापना दिवस पर सुबह हाथ की स्वच्छता पर वैज्ञानिक सत्र और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में 80 से अधिक पूर्व छात्रों ने भाग लिया।