नई दिल्ली: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका पर राउज एवेन्य स्थित सेशन कोर्ट ने चार अगस्त तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया।मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा जारी समन के अनुसार टाइटलर को पांच अगस्त को पेश होना है. विशेष सीबीआई जज विकास ढुल की कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि गवाह बहुत साहस दिखाते हुए आगे आए हैं और उन्हें प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता,सीबीआई का कहना है कि नए गवाहों के बयान के मुताबिक प्रथम दृष्टया इस मामले में जगदीश टाइटलर की भूमिका सामने आती है। वहीं टाइटलर की ओर से पेश वकील ने कहा कि अभी तक टाइटलर ने कभी किसी जांच एजेंसी और आयोग को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की, उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं,इसलिए जमानत दी जानी चाहिए।
बता दें कि सेशन कोर्ट ने मंगलवार को टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था,साथ ही मामले की सुनवाई बुधवार के लिए सूचीबद्ध की थी,कोर्ट ने पिछले हफ्ते सिख विरोधी दंगों से संबंधित पुल बंगश इलाके में कथित हत्याओं के मामले में टाइटलर को समन जारी कर पांच अगस्त को पेश होने का आदेश दिया था दरअसल, जगदीश टाइटलर के खिलाफ सीबीआई की तरफ से दायर की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए 26 जुलाई को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने टाइटलर को समन जारी किया था।कोर्ट ने टाइटलर को पांच अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था,अब समन के खिलाफ टाइटलर ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है।
बता दें कि सीबीआई ने 1984 के सिख दंगा मामले में 20 मई 2023 टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर, 1984 को पुल बंगश इलाके में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी और एक गुरुद्वारे में आग लगा दी गई थी। यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जल गया और तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरु चरण सिंह की मौत हो गई. सीबीआई ने कहा कि एजेंसी ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 109 (उकसाने) के साथ धारा 302 (हत्या) के तहत आरोप लगाए हैं।