लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान 14 दिसंबर को अपना 39वां स्थापना दिवस मनाएगा। बता दें कि राजधानी लखनऊ में एसजीपीजीआई की आधारशिला 1980 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ नीलम संजीव रेड्डी द्वारा रखी गई थी। यह दिन संस्थान के लिए प्रशिक्षण, शिक्षण और शोध के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों को स्वीकार करने का दिन है। स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन एसजीपीजीआई के श्रुति सभागार में होगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विजिटर, SGPGI आनंदी बेन पटेल होंगी।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो आर के धीमन ने बताया कि इस अवसर पर उनके द्वारा पिछले एक साल की संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला जाएगा। जबकि स्थापना दिवस व्याख्यान प्रो एम के मित्रा, प्रख्यात चिकित्सक और पूर्व प्रमुख, मेडिसिन विभाग, केजीएमयू द्वारा दिया जाएगा। बता दें कि प्रोफेसर मित्रा 50 से अधिक वर्षों (1970 से आज तक) के लिए चिकित्सा के स्नातकोत्तर शिक्षक रहे हैं।
वर्तमान में, वह विवेकानंद पॉलीक्लिनिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ से जुड़े हुए हैं। वे डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की ethical committee के अध्यक्ष और हैं और विवेकानन्द पालीक्लीनिक लखनऊ की ethical committee के सदस्य भी हैं। इस मौके पर संस्थान की डीन प्रो शुभा फड़के वक्ता का परिचय देंगी।
प्रो धीमान ने बताया कि इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा योग्य संकाय सदस्यों, रेजिडेंट्स और पैरामेडिकल स्टाफ को वार्षिक और शोध दिवस पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
इस अवसर पर मयंकेश्वर शरण सिंह, समारोह के विशिष्ट अतिथि और संसदीय कार्य राज्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं बाल कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार सभा को संबोधित करेंगे।
वहीं प्रमुख सचिव,चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार(आईएएस),उ.प्र.भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने बताया कि इस तरह के आयोजन पूरे संस्थान को एक इकाई के रूप में ऊर्जा से भर देते हैं। इस विशाल मशीनरी का हर हिस्सा समान रूप से महत्वपूर्ण है और जब लोग एकजुट होकर काम करते हैं,तभी प्रगति होती है।