राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के पांचवा स्थापना दिवस को युवा जागरूकता दिवस के रूप में 5 किलो का केक काटकर विधायक निवास5 कामनहाल दारुलशफा,लखनऊ में मनाया गया।।
इसके पूर्व पदाधिकारियों की एक बैठक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर की अध्यक्षता में आगामी रणनीति एवं कार्ययोजना को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किये गये।।
शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने बताया कि नौजवानों में जागरूकता लाने एवं भूमिका,भागीदारी के लिए स्थापना दिवस को युवा जागरूकता दिवस के रूप में मनाया गया तथा मंच के सदस्यता अभियान की शुरूवात एवं उद्देश्यों को पंचायत स्तर तक पहुंचाने,प्रतियोगी परीक्षाओं निःशुल्क एवं गड़बडी व भ्रष्टाचार के लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने,छात्रसंघ चुनाव बहाली कराने, छात्रों,नौजवानों,बेरोजगारों की आवाज को सड़क से संसद तक पहुंचाने,सरकारी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग(सेवाप्रदाता) जैसी कुप्रथा को समाप्त कराने,युवा आधारित नीति के तहत राष्ट्रीय युवा आयोग के गठन,कुशल योग्य बेरोजगारों के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी जैसी ठोस कार्ययोजना बनाए जाने तक प्रदेश के सभी जिलों समेत पूरे देश में युवा संसद एवं महापंचायत कार्यक्रम चलाए जाने का निर्णय लिया गया।।इसके पूर्व युवा अधिकार महासम्मेलन,महापंचायत,युवा संवाद,युवा सत्याग्रह,युवा मौन सत्याग्रह व युवा अधिकार एवं न्याय यात्रा के माध्यम से नौजवानों को जागरूक कर एक मंच पर लामबंद करने की कोशिश की जाती रही है फिर भी राजनीतिक दलों के चंगुल में नौजवान अभी भी फंसा हुआ है क्योंकि उसके पास कोई विकल्प अभी तक नहीं था अब उन तमाम नौजवानों को राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच के रूप में एक बेहतर विकल्प प्रस्तुत किया जाएगा ताकि अपनी आवाज को बुलंद कर सकें।
इस दौरान मीडिया से वार्ता करते हुए मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह पुष्कर ने कहा कि मंच लगातार छात्रों,नौजवानों,बेरोजगारों के बुनियादी सवालों के समाधान उनके सम्मान,स्वाभिमान,अधिकार के सरंक्षण,संवर्धन एवं उनकी भूमिका भागीदारी को लेकर उनके साथ अन्याय,भेदभाव,उत्पीड़न,शोषण के विरुद्ध संघर्षरत है,दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि जाति-धर्म की राजनीति में नौजवान हाशिए पर है नौजवानों को सिर्फ वोटबैंक,प्रचारतंत्र के रूप में इस्तेमाल किया गया,आजादी में नौजवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, सरकारे बनाने में भी रहती है,
लेकिन बेरोजगारों,नौजवानों के लिए राजनैतिक दलों के पास कोई ठोस नीति,नियत,कार्ययोजना नहीं है,नौकरशाही के मकड़जाल में सरकार पंगु बन चुकी है जिसका नतीजा है कि रोजगार के लिए लाखों-करोड़ों प्रतियोगी छात्र संघर्ष कर रहे, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अधीनस्थो के लापरवाही एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। पारदर्शी व स्पष्ट नीति के बजाय पेट(प्रारंभिक पात्रता परीक्षा)के नाम पर नौजवानों को गुमराह व शोषण कर सिर्फ करोड़ों रूपये वसूली हो रही है,प्रतियोगी परीक्षाओं की समय सीमा कोई निर्धारित नहीं है,जिससे बेरोजगार नौजवान अपने को ठगा महसूस कर रहा है,आऊटसोर्सिंग कंपनिया रोजगार के नाम पर खुला वसूली कर रही,पढ़ा-लिखा नौजवान अवसाद की दशा में नशे एवं अपराध की तरफ बढ़ रहें है आत्महत्याएं कर रहे जो चिंताजनक है। लिहाजा बेरोजगारी समाप्त होने तक नौजवान न्याय मिलने तक सड़क पर ही संसद चलाकर, महापंचायत करके अपनी लड़ाई स्वयं लड़ेगा, जिसकी शुरुआत 24 सितंबर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की कर्मभूमि संगम नगरी प्रयागराज से हो चुकी है जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र भी शामिल हुए थे।।
लोहिया जी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि संसद आवारा और निकम्मा हो चुका है,इसीलिए युवा संसद एवं महापंचायत कार्यक्रम सड़क पर करने की आवश्यकता पड़ी है क्योंकि 70 वर्षो में सदन में नौजवानों की बात करने वाला अभी तक कोई नहीं है,न ही किसी पर भरोसा ही रह गया है, हर कोई नौजवानों को छलने का ही कार्य किया है। देश में 65 से 70% आबादी नौजवानों की है,इनकी ऊर्जा का सिर्फ राजनैतिक दल दोहन कर रहे है, नौजवानों को देश के भविष्य के बारे में विचार करने की आवश्यकता है, नौजवानों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे है,बगैर नौजवानों के सशक्त हुए सामाजिक,आर्थिक,राजनैतिक, सांस्कृतिक रूप से सशक्त भारत की परिकल्पना संभव नहीं है।। इस मौके पर प्रणव अवस्थी,एडoदेवेंद्र प्रकाश,संतोष सिंह,प्रतिभा कुमारी, विजय प्रकाश पांडे, संतोष पाल,महेंद्र रावत,प्रांजुल मिश्रा,सूरज यादव,राहुल वर्मा,बलवंत चौहान,दुर्गेश कुमार,गौरव वर्मा,कुणाल दीक्षित, रामयतन प्रजापति,वीरेंद्र निषाद,मोoआरिफ,कुo लक्ष्मी,हरिवंश सिंह समेत यू.पी.एस.एस.एस.सी के अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी मौजूद रहे।।