आजमगढ़ में हैं कुल बिना मान्यता वाले 95 मदरसे, ‘सिस्टम साफ’ करेगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने गुरुवार को कहा कि एक राज्यव्यापी सर्वेक्षण में कहा है कि राज्य में बिना मान्यता के 7189 चल रहे हैं।
इन मदरसों से 16 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षित किया गया है। जावेद ने यह भी कहा कि इन मदरसों में लगभग 3000 शिक्षक और अन्य कर्मचारी हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अनुसार, राज्य में लगभग 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें से 560 उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान प्राप्त कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों में 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सर्वाधिक 550 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मुरादाबाद में मिले हैं। बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे मिले हैं।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों की पहचान करने और उनके धन, आय के स्रोत, उन्हें चलाने वाले संगठनों और उनके पाठ्यक्रम के बारे में विवरण इकट्ठा करने के लिए 10 सितंबर को सर्वेक्षण शुरू हुआ था।
जावेद ने कहा, ”बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या संख्या बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि जानकारी अभी भी आ रही है। अगले कुछ दिनों तक बहराइच और गोंडा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्वेक्षण जारी रहने की उम्मीद है। उन क्षेत्रों के कर्मचारियों ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए कुछ और समय मांगा है।
सर्वेक्षण के परिणामों का विश्लेषण 15 नवंबर तक किया जाएगा। उन्होंने कहा, ”हमारी कोशिश होगी कि इन 7189 मदरसों को जल्द से जल्द मान्यता दी जाए। हम करीब 16 लाख छात्रों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इन मदरसों के छात्र छोटे-मोटे काम करें। हम छात्रों को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, सर्वेक्षण के बाद हम सिस्टम को साफ करने जा रहे हैं और अपने मदरसा के छात्रों को मुख्यधारा के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगे।” उन्होंने कहा, ”सर्वे के बाद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देना आसान होगा। अब तक राज्य सरकार को राज्य में संचालित गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।”
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, गोरखपुर में बिना मान्यता प्राप्त 140 मदरसों में 10,000 से अधिक छात्र पढ़ते पाए गए। इन संस्थानों में 300 से अधिक शिक्षक और कर्मचारी हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडे ने कहा कि इनपुट प्राप्त हो रहे हैं और जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी।