बिजली की लचर व्यवस्था रास्तों के खस्ता हालत देख दुकानदार आम जनता समेत जनप्रतिनिधि रहे लामबंद।
अरौलिया। बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के रेडहा से लगभग 500 गांव को बिजली की सप्लाई की जाती है। विद्युत व्यवस्था ध्वस्त होने से जहां किसानों की किसानी प्रभावित है वही व्यापारियोंका व्यापार चौपट हो रहा है। इसी तरह से अहरौला कप्तानगंज 21 किलोमीटर मार्ग दशकों से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील है जिसे लेकर लगातार क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग को तालाब जैसे बड़े-बड़े गड्ढे दिख नहीं रहे हैं। सरकार एवं सरकार के प्रतिनिधि सोए हुए हैं। जबकि बीते दिनों एक पुल के उद्घाटन में इसी मार्क से चलकर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री और आजमगढ़ के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही इन्हीं बड़े-बड़े गड्ढों से गुजरे थे। पत्रकारों के सवाल का जवाब भी नहीं दिया लेकिन इन्होंने भी इस पर पीडब्ल्यूडी से जवाब मांगना उचित नहीं समझा। इसी तरह से बिजली व्यवस्था को लेकर लगातार क्षेत्र के लोग बिजली के बड़े अधिकारियों से लेकर बिजली मंत्री एके शर्मा तक व्यवस्था सुधारने के लिए गुहार लगा रहे हैं लेकिन आज तक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया जिससे नाराज क्षेत्र के लोग मंगलवार को बिजली व्यवस्था और अहरौला कप्तानगंज मार्ग को लेकर अहरौला टैक्सी स्टैंड से बाइक जुलूस लेकर लगभग 15 किलोमीटर की एरिया में जुलूस भ्रमण के बाद पकड़ी बाईपास चौक पर पहुंच कर जुलूस सत्याग्रह में बदल गया। धरने का नेतृत्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विजय बहादुर सिंह व जिला पंचायत के पूर्व प्रत्याशी अभिषेक उपाध्याय के द्वारा किया गया। इस दौरान क्षेत्र के फुलवरिया, अहरौला, शाहपुर चांदनी चौक सहित तमाम बड़ी बजारे पूर्ण रूप से बंद रही। लोगों ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। सत्याग्रह पर बैठे किसान और व्यापारियों ने मांग की कि अगर अभी तक हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से सत्याग्रह कर अपनी मांगे मांग रहे हैं अगर हम लोगों की मांगों की उपेक्षा की गई तो शाम होते-होते सत्याग्रही सड़क को जाम कर पूर्ण रूप से बंदी कर देंगे जिसकी जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी के और बिजली विभाग के अधिकारी होंगे।, धरने को जिला पंचायत प्रतिनिधि विजय बहादुर सिंह, अभिषेक उपाध्याय, जिला पंचायत सदस्य हरिकेश यादव, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अनिल सिंह, जिला पंचायत प्रतिनिधि पारस यादव, समाजसेवी लक्ष्मी चौबे क्षेत्र के व्यापारी और किसानों ने संबोधित किया । धरने में पुलिस के अलावा मौके पर कोई भी विभागीय प्रशासनिक अधिकारी नजर नहीं आ रहा था।