लखनऊ। ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के क्रियान्वयन के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक एवं हठवादी रवैये के चलते बिजलीकर्मियों को आज रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स(एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई.) के आह्वान पर उप्र के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में आज देश के सभी प्रान्तों में लाखों बिजलीकर्मी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी, आज इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.के. त्रिवेदी ने आज लखनऊ पहुंच कर बिजलीकर्मियों की सभा को सम्बोधित किया। एन.सी.सी.ओ.ई.ई.ई. के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे उप्र के बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो देश के अन्य प्रांतों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगें और ऐसे किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में सशक्त प्रतिकार किया जायेगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर चल रहे कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर विशाल विरोध प्रदर्शन किये गये।संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने एक बार पुनः दोहराया है कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजलीकर्मियों को हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ रहा है। समझौते के कुछ प्रमुख बिन्दुओं में बनी सहमति के अनुसार ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति के द्वारा किया जाना, पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना, पारेषण के विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द करना, नये विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराया जाना, निविदा/संविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर कर समान मानदेय दिया जाना, भत्तों के पुनरीक्षण एवं वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना प्रमुख है। इसके अतिरिक्त बिजलीकर्मियों की मांग है कि प्रदेश के सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा एवं अनपरा में 800-800 मेगा वाट की 2-2 इकाईयां प्रदान किया जाना मुख्य मांग है।
संघर्ष समिति के मुख्य पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जी.वी. पटेल, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, महेन्द्र राय, चन्द्रभूषण उपाध्याय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मनीष मिश्र, पी के दीक्षित, मो. वसीम, छोटेलाल दीक्षित, योगेन्द्र कुमार, राम चरण सिंह, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास,आर.के. सिंह, देवेन्द्र पाण्डेय ने सभा को सम्बोधित किया।