पीड़िता को मिला 7 साल बाद न्याय, जज ने 3 दोषियों को सुनाई उम्र कैद की सजा

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आजमगढ़।आज हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास प्रत्येक को तेरह हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

अदालत ने जुर्माने की राशि में से तीस हजार रुपये मृतक की पत्नी उषा को देने का आदेश दिया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर तीन ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने शनिवार को सुनाया।अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा बद्री पुत्र स्वर्गीय सुखराम निवासी ख़ुशनामपुर थाना मेहनाजपुर का लड़का रामाश्रय अपना मकान बनवा रहा था। इस निर्माणाधीन मकान में 29 नवंबर 2015 को गली की तरफ रोशनदान बन रहा था तभी कमलेश पुत्र गौरीशंकर ने लग्गी से रोशनदान गिरा दिया। गिरे हुए रोशनदान को उठाने रामाश्रय गली में गया तो कमलेश और धर्मेंद्र पुत्रगण गौरी शंकर, सुग्गा देवी पत्नी गौरी शंकर, प्रियंका पत्नी कमलेश तथा गौरी शंकर के एक नाबालिग पुत्र ने लाठी-डंडे से रामाश्रय को बुरी तरह से पीटा। इन चोटों की वजह से अस्पताल ले जाते समय रामाश्रय कि रास्ते में ही मृत्यु हो गई। जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र का नाम हटाते हुए पांच आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया।

अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्रा ने वादी बद्री, उषा देवी, संजय कुमार सिंह, आकाश डॉ एके कुशवाहा, इंस्पेक्टर प्रदीप चौधरी, सेवानिवृत्त दरोगा विजय बहादुर, डॉ राजेंद्र कुमार, चीफ फार्मासिस्ट शैलेन्द्र कुमार सिंह को बतौर गवाह अदालत में परीक्षित कराया। दौरान मुकदमा आरोपी गौरी शंकर की मृत्यु हो गई तथा एक अन्य नाबालिग आरोपी की पत्रावली जेजे बोर्ड भेज दी गई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी कमलेश, सुग्गा देवी तथा प्रियंका को आजीवन कारावास प्रत्येक को तेरह हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।

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