जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं!
सूबे में लगातार अवैध निर्माणों के खिलाफ मुहिम छेड़ी जा चुकी है,लेकिन ऐसे में राजधानी लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र राजेंद्रनगर नाले के ऊपर नगर निगम की जमीन पर अवैध निर्माण हो रहा है।
आपको बता दें कि लगभग 1 वर्ष पूर्व भी इसी जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा था।लेकिन मामले की खबर की सुर्खियों में आने के बाद संबंधित अधिकारियों हरकत में आए और निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया।क्योंकि निर्माण करवाने वाली गुड़िया यादव के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे यह प्रतीत हो कि उक्त जमीन उनकी है।
यह जमीन नगर निगम और एलडीए के बीच में उलझी हुई है।जिसको लेकर पूरा मामला संतोष पाण्डेय और गुड़िया यादव के बीच न्यायालय में लंबित है।
इसके बावजूद सत्ता पक्ष के कुछ लोग पुलिस प्रशासन के ऊपर दबाव बनाकर पुनः अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस बता दे कि जब इस निर्माण के बारे में नाका थाना प्रभारी मनोज मिश्रा बात की गई तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा व्यापार मंडल के अमरनाथ मिश्रा व अन्य राजनीतिक लोगों का फोन आ रहा है। इसलिए मैं इस संबंध में कुछ नहीं कर सकता, जबकि थाना प्रभारी के भी संज्ञान में है कि यह मामला न्यायालय में लंबित है। अब देखने वाली बात यह है कि क्या योगी सरकार में भाजपा के कार्यकर्ता अवैध निर्माण करने वालों को संरक्षण देते हैं या फिर योगी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस प्रशासन आखिर ऐसे राजनीतिक लोगों के दबाव में गलत काम करने वालों को संरक्षण क्यों देती है।
यह सबसे बड़ा प्रश्न है।