जीडी ग्लोबल स्कूल में कक्षा द्वादश के विद्यार्थियों का विदाई समारोह हुआ, सम्पन्न 

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आजमगढ़ दिनांक 5 फरवरी 2025 दिन बुधवार को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में कक्षा द्वादश के विद्यार्थियों का विदाई समारोह “सुगति भवतु” बहुत ही भव्यपूर्वक मनाया गया। सभागार के प्रवेश द्वार‌ पर‌ ही विद्यार्थियों को तिलक से अभिषेक कर जूनियर वर्ग कक्षा एकादश के बच्चों द्वारा प्रेम व सम्मान का प्रतीक पुष्प कर स्वागत किया गया। कक्षा ग्यारह के बच्चों ने विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल एवं प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे को पुष्प-गुच्छ देकर स्वागत किया। स्वागत समारोह के बाद बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की भव्य प्रस्तुति दी गई। विद्यालय की हेड गर्ल ने इस भावुक पल को अपने शब्दों में व्यक्त किया। बच्चों को डाक्यूमेंट्री द्वारा शिक्षकों के शुभकामना संदेश प्रेषित किए गये। अपने‌ सीनियर्स के सम्मान में जूनियर के छात्रों ने आकर्षक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। हेड ब्वाय ने विद्यालय में बिताए हुए,अपने सुखद क्षण एवं अनुभवों को साझा किया। कक्षा ग्यारह की छात्राओं ने ‘सोल मोशन’ पर इतनी मनमोहक नृत्य प्रस्तुत दी कि लोगों के तन-मन भी थिरकने लगे। सुगति-भवतु समारोह में मिस जीडीजीएस का खिताब शिवांगी सिंह एवं मिस्टर जीडी जीएस का खिताब आर्यन राय ने प्राप्त किया। सीनियर्स के मनोरंजन लिए रैम्प वाक की भी व्यवस्था भी की गई थी जिसमें सीनियर्स वर्ग के बच्चों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्मृति चिह्न प्राप्त किया। कक्षा ग्यारह की छात्रा जान्हवी सिंह ने सीनियर्स के साथ के खट्टे-मीठे अनुभवों को अपनी कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसके बोल थे-कुछ कहना है तुमसे। समारोह के समापन पर सभी सीनियर्स विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई।

विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आप सभी ने इस संस्था में न केवल शिक्षा प्राप्त की, बल्कि अनुशासन, संस्कार और आत्मनिर्भरता का पाठ भी पढ़ा है।बच्चों को अपने कैरियर का चुनाव बिना किसी दबाव के स्वयं की इच्छा शक्ति से करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत, समर्पण और संघर्ष की यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि यह आपके उज्जवल भविष्य की ओर एक नया द्वार भी खोलती है। प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने अपने आशीर्वचन में कहा कि इस अवस्था में हमें कठिन परिश्रम करते हुए अपने जीवन का ध्येय निर्धारित करना चाहिए। उन्होंने विकसित भारत की संकल्पना साझा करते हुए कहा स्टार्ट -अप के लिए प्रेरित किया। नियोक्ता बनने के लिए अग्रसर होने की प्रेरणा देते हुए बच्चों से स्वस्थ भारत कुशल भारत कौशल भारत की थीम साझा किया। विद्यालय के कार्यकारी निदेशक ने अपने उद्बोधन में बच्चों को संघर्ष से कभी न घबराने की प्रेरणा देते हुए कहा- ” पथ में कांटे न होते तो जीवन का आभास न होता।मंजिल मंजिल ही रह जाती , मानव‌ का इतिहास न होता ।।

प्रधानाचार्या श्रीमती दीपाली भुस्कुटे ने कहा कि आज का यह क्षण भावनाओं से भरा हुआ है। यह केवल एक विदाई नहीं, बल्कि आपके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है।उन्होंने सफलता का महत्वपूर्ण रहस्य बताते हुए कहा कि यह न तो अंकों का, न ही आधुनिक तकनीकियों का और न ही सोशल मीडिया से जुड़ा है अपितु चरित्र की महत्ता से जुड़ा है।जो हमेशा आपको किसी भी चुनौतियों का सामना करने आपके व्यक्तित्व को निखारने में‌ मदद करता है। नेल्सन मंडेला का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जीवन की सबसे बड़ी महिमा कभी न गिरने में नहीं है बल्कि हर बार गिरकर उठने में है।आप आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर रहें। चुनौतियाँ आएँगी, परंतु धैर्य और मेहनत से आप उन्हें पार करें ।

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