लखनऊ 12 दिसम्बर 2024
विद्युत विभाग के निजीकरण को रोका जाए-लोकदल
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने विद्युत विभाग को निजीकरण का कानून लागू किए जाने को लेकर कहा है कि जिन दो डिसकॉम को पांच हिस्सों में बांटने की योजना है, उससे उपभोक्ताओं का नुकसान होगा और टैरिफ रेट बढ़ जाएगा। जिसका सीधा असर जनता के ऊपर पड़ेगा।उन्होंने कहा कि दक्षिणांचल व पूर्वाचल के उपभोक्ताओं का प्रबंधन अडानी अंबानी को देना चाहती है, योगी सरकार को लगता है कि ऐसा करने से वह फायदे में आ जाएंगे। लेकिन सच यह है कि इस कार्य से केवल अडानी अंबनी का खज़ाना भरेगा।
जबकि आम जनता पहले से ही महंगाई की मार झेल रही है,उस पर से अडानी-अंबानी की महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि पहले भी यह व्यस्था लागू की थी,उन्होंने कहा कि अगर नोएडा में टोरेंट पावर को देने से फायदा कुछ हुआ है,तो सरकार ने श्वेत पत्र क्यों नहीं जारी किया।
जब सपा सरकार ने 2013 में पीपीपी मॉडल लागू करने की बात की थी, तब नियामक आयोग ने उसको रोक दिया था,सपा सरकार के फेल मॉडल को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी इसी क्रम में आगे बढ़ रही है। यह जो कार्रवाई हो रही है,यह पूरी तरीके से असंवैधानिक है,इसका मतलब है कि आप कहीं ना कहीं दिग्भर्मित हैं और इसीलिए ऐसा कर रहे हैं। लोकदल की मांग है इस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. जिससे प्रदेश की जनता पर भी कोई भार ना आए।