लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री तथा जनपद लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज प्रातः 7:00 बजे नगर की सफाई व्यवस्था को देखने के लिए औचक निरीक्षण किया। उन्होंने शहर के जोन 6 के चार वार्डो का निरीक्षण किया।निरीक्षण के लिए जाते समय रास्ते में बुद्ध विहार शांति उपवन के पास दोपहिया वाहन के एक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को देखकर अपनी फ्लीट को रुकवा दिया। उन्होंने घायल व्यक्ति का हाल जाना एवं तुरंत उसे अपनी फ्लीट से गाड़ी उपलब्ध कराते हुए घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचवाया। अधिकारियों को उसके इलाज हेतु निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने हैदरगंज वार्ड 2 एवं 3, कल्याण सिंह वार्ड एवं कन्हैया माधोपुर वार्ड का निरीक्षण किया। मंत्री वार्डों में सफाई व्यवस्था को लेकर काफी असंतुष्ट दिखे। उन्होंने हैदरगंज वार्ड में निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर करते हुए जोनल अधिकारी का वेतन काटने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया। उन्होंने कहा कि सभी जोनों के जोनल अधिकारी अपने-अपने जोन में नियमित निरीक्षण करें और सफाई व्यवस्था एवं नालियों की सफाई को सुनिश्चित कराएं।
मंत्री सुरेश खन्ना ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि खाली पड़े प्लाटों को चिन्हित कर उनके मालिकों को नोटिस देकर उनकी बाउंड्री वॉल कराई जाए। उन्होंने कहा कि खाली पड़े प्लाटों पर कूड़ा एवं गंदगियां होती हैं जिससे बीमारियां फैलती हैं और मच्छर इत्यादि पैदा होते हैं।
उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि प्रत्येक वार्ड के सभी गलियों में सफाई कर्मी नियुक्त हो तथा उनका नाम व नंबर भी डिस्प्ले किया जाए जिससे क्षेत्र वासियों को उनके बारे में जानकारी हो।
प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पूरे नगर निगम में सफाई का माहौल रहे। लखनऊ प्रदेश की राजधानी होने के नाते सभी के लिए एक रोल मॉडल है इसलिए यह रोल मॉडल जैसा दिखना भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जब से आई है।तब से सबसे ज्यादा फोकस जन सुविधाओं एवं साफ-सफाई पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि साफ सफाई एवं शुद्ध पेयजल से तमाम बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है,कि शहर को स्वच्छ एवं साफ सुथरा रखें। उन्होंने कहा कि इस पर लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि किसी को भी किसी भी प्रकार की समस्या चाहे वह स्वच्छता हो, पेयजल हो या सड़क हो नहीं होनी चाहिए ।निरीक्षण के दौरान लखनऊ नगर निगम की मेयर सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सुनील कुमार मिश्रा सहित नगर निगम के अधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।