राजस्थान के कई जिलों में अफीम की खेती होती है. इन दिनों फसल पकने को तैयार है,लेकिन फसल पकने से पहले किसानों की परेशानी तोतों ने बढ़ा दी है।दरअसल राजस्थान के झालावाड़ जिले में अफीम के पौधों के डोढ़ों में चीरा लगाने का वक्त आ गया है जिसके लिए किसान अपने काम में जुटे हुए हैं, किंतु किसानों पर चारों तरफ से ही आफत टूटती नजर आती है।जमीन से चूहे अफीम की फसल को खराब करते हैं तो अब आसमान से भी आफत आ गई है।
दरअसल अफीम की लत लगने के बाद नशेड़ी हुए तोते अफीम की फसल पर आफत बनकर टूट रहे हैं।उड़ते तोते अफीम के डोडे पर जब बैठते हैं और इनमें चोंच लगा कर इनका रस चख लेते हैं और यह तोते नशेड़ी हो जाते हैं और फिर लगातार अफीम के खेतों पर मंडरा कर किसानों का नुकसान करते हैं जिसके चलते अब अफ़ीम काश्तकारों पर नशेड़ी तोते बेहद भारी पड़ रहे हैं.
किसान परेशान पूरा परिवार करता है रखवाली
किसान इन तोतों से बेहद परेशान हो रहे हैं लेकिन इस समस्या का हल उनके पास नहीं है, इस समस्या से लड़ने के लिए अफीम काश्तकार का पूरा परिवार खेतों के आसपास और खेतों में मंडराता रहता है और तोतों को उड़ाने में लगा रहता है।जिसके चलते उनकी अफीम की फसल की लागत और मेहनत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।अफीम की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि तोतों की समस्या के चलते वह और उनका पूरा परिवार अफीम की खेती में उलझ कर रह गया है।जिसके चलते उनके घर के काम काज तथा बच्चों की पढ़ाई तक भी प्रभावित हो रही है।किसानों ने बताया कि यदि वह इस समस्या पर पूरी तरह से ध्यान नहीं देंगे तो रोजाना नशेड़ी तोते उनकी अफीम की फसल को चौपट कर रहे हैं जिसके चलते उनका उत्पादन पूरा नहीं हो पाएगा और आखिर में उन्हें कानून की मार झेलनी पड़ेगी।इसलिए वह जैसे भी हो अपने पूरे प्रयास करके अपनी फसल को बचाने में लगे हैं।
पटाखे फोड़ कर भगा रहे हैं तोतों को
अपनी फसल को इन तोतों से बचने की कवायद के चलते कुछ किसानों ने अपने अफीम की फसल के ऊपर जाली लगाना भी प्रारंभ किया है, हालांकि यह काम महंगा पड़ता है किंतु फसल बचाने के लिए किसान बाजार से महंगी नेट खरीद कर पूरी फसल पर लगा रहे हैं।इसके चलता किसान पटाखे चलाते हैं और अन्य जतन करते हैं ताकि तोते फसल पर हमला न करें, लेकिन तोते हैं कि मानते ही नहीं है और जरा सा मौका मिलते ही फसल पर टूट पड़ते हैं।
कृषि विभाग के पास भी नहीं कोई जवाब
कृषि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि तोतों की समस्या वास्तव में गंभीर है क्योंकि उन्हें नशे का स्वाद लग जाता है और वह बार-बार अफीम का डोडा खाने आते हैं। कृषि विभाग अधिकारी सलाह देते है कि अफीम की फसलों पर ऊपर की तरफ किसानों को नेट बांधनी चाहिए ताकि तोते उस पर हमला नहीं कर सके।किंतु किसान कहते हैं कि पूरी फसल को नेट से ढकना उनको बड़ा महंगा पड़ता है। ऐसे में सभी किसान इतने सक्षम और संपन्न नहीं है कि वह पूरी फसल पर नेट लगा सकें। हालांकि जिले के कुछ किसान अब अफीम की फसल को बचाने के लिए नेट का उपयोग करने भी लगे हैं किंतु यह जुगाड़ उनको काफी महंगा पड़ रहा है।