पूरे देश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से अलख जगा रहे हैं राहुल गांधी- ममता चौधरी

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सरकार की विफ़लता के कारण देश की महिलाओं के लिए घर चलाना मुश्किल

लखनऊ। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के माध्यम से देश भर में सभी पृष्ठभूमि के लोगों से मिल रहे हैं। उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान के पांच न्याय हैं। युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, आर्थिक न्याय, भागीदारी न्याय। इसी अभियान के तहत राहुल गांधी पूरे देश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से अलख जगाने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस भी प्रदेश में अधिक से अधिक महिलाओं से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने एवं समझने का प्रयास कर रही है। अलग-अलग सुझाव हमें मिले हैं इसलिए हम ’नारी न्याय’के रूप में अपनी मांगों को रेखांकित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी मध्य जोन की अध्यक्ष ममता चौधरी ने यह बातें मंगलवार को एक प्रेसवार्ता में कहीं। उन्होंने मीडिया के माध्यम से केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार से ‘नारी न्याय’ के तहत निम्न मांगे की।
1) आर्थिक सशक्तिकरण
ममता चौधरी ने कहा कि बढ़ती महंगाई और इसे नियंत्रित करने में सरकार की विफ़लता के कारण महिलाओं के लिए आज अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। जिसमें एलपीजी गैस, खाद्य तेल, खाद्यान्न, किराने का सामान जैसी आवश्यक वस्तुओं की क़ीमतों को विनियमित करने की विफ़लता भी शामिल है। इसलिए इन सभी वस्तुओं की क़ीमत को आपातकालीन आधार पर विनियमित और नियंत्रित करने और उस पर पर्याप्त सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में पुरुष श्रम आय का 82 प्रतिशत कमाते हैं, जबकि महिलाएं 18 प्रतिशत ही कमाती हैं। वहीं कृषि और वेतनभोगी वर्ग में लगी महिलाएं पुरुषों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम कमाती हैं। इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए नियम लाने की ज़रूरत है।
2) सामाजिक सशक्तिकरण
ममता चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान, गांवों में खोले गए अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब या तो बंद हो गए हैं या बिना किसी मेडिकल स्टाफ़ के संचालित हो रहे हैं। महिलाओं के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल ढांचे का पूरी तरह से अभाव है। भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की अधिकांश 57 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। गांवों में प्रसव केंद्रों की कमी के कारण महिलाओं को प्रसव के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है ऐसे में सबसे गंभीर चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा पैदा हो जाता है। सरकार को पूरे भारत में, ख़ासकर ग्रामीण इलाकों में बुनियादी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक व्यापक स्वास्थ्य पैकेज लाने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सभी के लिए मुफ़्त प्राथमिक शिक्षा शुरू करने में मदद की और आईआईटी/ आईआईएम सहित कई प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित किए। भारत में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है और भाजपा सरकार शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन लगातार कम कर रही है। भारत में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। सरकार इन पदों को जानबूझकर अतिथि शिक्षकों से नहीं भर रही है क्योंकि सेवा शर्तों को हटाने के साथ उन्हें कम पारिश्रमिक पर रखना आसान है। साथ ही स्कूल जाने वाली लड़कियां असुरक्षित महसूस करतीं हैं, स्कूल जाते समय लड़कियों को परेशान किए जाने की कई घटनाएं हो रही हैं। युवा लड़कियों को शारीरिक, मानसिक और साइबर हिंसा से बचाने के लिए बुनियादी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
ममता चौधरी ने कहा कि भारत में अधिकांश महिलाएं शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की कमी के कारण स्वच्छता संबंधी गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं। सरकार के ’स्वच्छ भारत अभियान’ के बावजूद, अधिकांश गांवों में बुनियादी शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है। शहरों और गांवों में हर 5 किमी. की दूरी पर महिलाओं के लिए मुफ्त सार्वजनिक शौचालय स्थापित किया जाने की आवश्यकता है।
3) राजनीतिक सशक्तिकरण
राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की बात करते हुए ममता चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पंचायत स्तर पर महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला पंचायती राज अधिनियम लेकर आयी, जिससे ज़मीनी स्तर पर लाखों महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला। हम महिला आरक्षण अधिनियम को तत्काल लागू करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। भाजपा महिला प्रतिनिधित्व अधिनियम में बाधा डालकर इसके कार्यान्वयन को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करके भारत की महिलाओं के ख़िलाफ़ एक बड़ा धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार महिलाओं के ख़िलाफ़ जघन्य अपराध करने वालों की रक्षा करते नज़र आयी है। बिलकिस बानो के अपराधियों को रिहा करने, मणिपुर में महिलाओं का नग्न परेड कराये जाने पर चुप्पी साधने से यह स्पष्ट हो जाता है। महिला पहलवान मामले में बीजेपी सांसद को बचाना ताज़ा मामला है। महिलाओं के प्रति लगातार हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ कड़ा रुख अपनाया जाना चाहिए जिसमें भाजपा पूरी तरह से विफ़ल हुई है।
उन्होंने कहा कि हम अखिल भारतीय महिला कांग्रेस इस देश के संवैधानिक मूल्यों और उन महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रेसवार्ता में उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रभारी विद्या नेगी, ज़ोनल अध्यक्ष बुन्देलखण्ड करिश्मा ठाकुर, पूर्वी शहला अहरारी, सुशीला शर्मा, अनामिका यादव, मेहताब जायसी, सुषमा मिश्रा, सिद्धीश्री, सौम्या, शीला मिश्रा, विभा त्रिपाठी, लता दुबे, सुमन प्रजापति, डॉ. पूर्णिमा, सुनीता, रज़िया क़ादिर, सुशीला रावत, आशा कनौजिया आदि मौजूद रहीं।

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