ग्वालियर। शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष व तीन बार पार्षद रहे आनंद शर्मा ने सोमवार को मकर संक्रांति की शाम कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। शर्मा का कहना है कि वे अपना अपमान बर्दाश्त कर सकते हैं, अपने आराध्य प्रभु श्रीराम का नहीं,उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस राम की नहीं है, वह अब किसी की नहीं है। राम से विमुख हुई कांग्रेस का हर कार्यकर्ता आज शीर्ष नेतृत्व से व्यथित है। शर्मा का कहना है कि वे आज अपने पड़ोसी से आंख से आंख मिलाकर बात नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनका एक ही सवाल है कि रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से कांग्रेस ने दूरी क्यों बनाई? इस सवाल का जवाब हम जैसे कार्यकर्ता के पास तो नहीं है।
पूर्व पार्षद आनंद शर्मा का कहना था कि शीर्ष नेतृत्व को फैसला करने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व नरसिंह राव की नीति का स्मरण अवश्य करना चाहिए था। सोमवार सुबह पूर्व पार्षद अलबेल सिंह घुरैया के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मिले और कांग्रेस छोड़ने के फैसले से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि उचित समय पर वे भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। आनंद शर्मा ने अपना इस्तीफा शहर जिला कांग्रेस कार्यालय भेज दिया है, हालांकि इस्तीफे में कारण का उल्लेख नही है।