लखनऊ, । प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हिस्सेदारी तय करने के मामले की सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रदेश सरकार 24 मार्च को उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर अपना पक्ष रखते हुए नए सिरे से सीटों के आरक्षण और चुनाव कराने की अनुमति मांगेगी।
सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलते ही सीटों के आरक्षण के लिए अधिनियम में जरूरी संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट के समक्ष विभाग अध्यादेश लाएगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को ओबीसी आयोग की रिपोर्ट 31 मार्च तक पेश करने का समय दिया था। सरकार ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट 13 मार्च को ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करते हुए इस मामले की जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया था। वैसे इस मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को निर्धारित है।
प्रदेश सरकार के अनुरोध को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च की सुनवाई तय कर दी है। नगर विकास विभाग अब मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए इस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगमों में मेयर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों का नए सिरे से आरक्षण करने की अनुमति मांगेगा।
सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अनंतिम आरक्षण तय किया जाएगा। इसके बाद आपत्तियां व सुझाव मांगे जाएंगे। इनके निस्तारण के बाद अंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा। इसी आधार पर चुनाव कराए जाएंगे।