खागा / फतेहपुर। जहां एक तरफ़ सूबे के मुखिया प्रदेश की सभी खस्ता हाल जर्जर सड़को को गढ्ढा मुक्त व गाँवो की सड़कों को शहरों की सड़कों की तरह बनाने में लगातार प्रयास करते हुए नज़र आ रहें हैं। तो वंही दूसरी तरफ़ उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में पूर्व में तीन मंत्रियों का गढ़ कहे जाने वाला जिला आज भी गाँवो की सड़कों से पैदल निकलना मुश्किल है।
आज भी जिले की सासंद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का क्षेत्र सड़कों से अधूरा है।
बताते चलें कि खागा तहसील क्षेत्र के ऐरायाँ विकास खण्ड के मोहम्मद पुर गौती के पुल से दक्षिण दिशा में कौशाम्बी को करीब पांच किलोमीटर लम्बी सड़क जोड़ती है।
बताते हैं कि यह सड़क गौती से टांडा बार्डर को जाती है। जबकि इस मार्ग से ऐरायाँ विकास खण्ड के कोड़ारवर, कोरका, तौरा, सोनावरदेई, कसरेहटा गाँवो को जोड़ती है। हलांकि इस मार्ग से अंतर्जनपद के अझुहा के कई / विद्यालयों / कॉलेजों में करीब आधा सैकडा गाँवो के बच्चे पढ़ने जाते हैं। यह सड़क खस्ताहाल होने के कारण पांच किलोमीटर दुरी से घूमकर बच्चों को पढ़ाई करने जाना पड़ता है।
कसरेहटा निवासी विवेक सिँह यादव ने बताया की यह सड़क न बनने से इन गाँवो का विकास रुका पड़ा है साथ ही बच्चों का शिक्षा से जुडा भविष्य बिगडता नज़र आ रहा है।किसानों कों खेती से संबंधित व प्रेमनगर बाजार आने जाने में बड़ी ही परेशानियों कों समाना करना पड़ता है।
कोड़ारवर निवासी अर्जुन सिंह पटेल ने बताया कि यह सड़क बीस पहले सन 2002 में खागा विधानसभा हुआ करता था,उस समय विधायक मोहम्मद सफीर थे उनके कार्यकाल में यह काली सड़क बनाई गई थी, तभी से आजतक इस सड़क में मरम्मत तक नहीं कराई गई।सोनावरदेई निवासी अवधेश यादव ने बताया कि हर बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान सभी नेता वोट बैंक के लिए इस सड़क का हवाला देकर वोट तो ले, लेते हैं। लेकिन जीत हासिल होने के बाद देखने तक नहीं आते हैं।
रनमन सिँह यादव कसरेहटा निवासी ने बताया कि इस विधानसभा क्षेत्र के लोगों का दुर्भाग्य रहा कि जनता हर बार अपना नेता – विधायक चुनते रहे और उनके मतदान से इसी क्षेत्र के नेताओं को विधानसभा में विधायक और मंत्री पद पर भी बिठाने का काम किया लेकिन,वोट के बदले में वही मंत्री / विधायकों ने इस सड़क से जुड़े गाँवो के लोगों कों नई तो नहीं बल्कि एक मात्र पांच किलोमीटर की सड़क मरम्मत तक नहीं करा सकें।पूरे मामले में सम्बंधित खण्ड लोक निर्माण विभाग ने बताया की क्षेत्रीय जेइ को मौक़े पर भेजा गया जायेगा। अगर हमारे पिडब्लू डी से होगी तो तत्काल मरम्मत कराई जाएगी नहीं होगी विभाग में तो शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।