अक्सर विवादों में रहने वाले तहसीलदार( निजामाबाद) राजू कुमार एक बार फिर पीड़ितों से उलझते हुए नजर आए मामले की जानकारी पूछते ही पत्रकारों पर हो गए गरम।
आजमगढ़। जिला कलेक्ट्रेट के सामने स्थित मेहता पार्क में 10 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे बुजुर्ग दम्पत्ति को हटाने के लिए बुधवार को 11 बजे दिन में दो अधिकारी लाव लश्कर के साथ पहंचे।जहां पूछने पर पता चला कि इसमें तहसीलदार निजामाबाद, एसडीएम अतिरिक्त प्रभार निजामाबाद हैं। जो भूख हड़ताल पर बैठे लोगों से उनकी बातों को सुनने के लिए आये हैं।
बता दें कि एक दिन पूर्व भूख हड़ताल पर बैठे बुजुर्ग दम्पत्ति की हालत बिगड़ने पर उन्हें मण्डलीय जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से आज बुधवार की सुबह वे फिर आकर भूख हड़ताल पर बैठ गये। अधिकारियों द्वारा धरनारत बुजुर्ग दम्पत्ति को समझाने की कोशिश की गयी लेकिन बुजुर्ग दम्पत्ति उनकी बातों से अ संतुष्ट नहीं हो पाये और धरना से उठने को तैयार नहीं हुए।
फिर क्या तहसीलदार साहब द्वारा पीड़ितों पर धरने से उठने का दबाव बनाया जाने लगा। साथ ही मौके पर कोतवाली पुलिस भी पहुंच गई। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा धरनार्थियों को हटाने के लिए एक ई-रिक्शा भी मंगवाया गया था। इस दौरान चल रही उहापोह के बीच पत्रकार मौके पर पहुंचे। पत्रकारों को देखते ही अधिकारियों के तेवर कुछ नरम हुए। लेकिन जैसे ही पत्रकारों ने तहसीलदार साहब से मामले का संज्ञान लेना चाहा तहसीलदार साहब भड़क गए और पत्रकारों पर भी रौब झाड़ते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया ऐसा वाकिया पहली बार नहीं इन तहसीलदार साहब के साथ कई बार इसी तरह से कभी पत्रकारों से तो कभी नेताओं से तो कभी पी ले तो उसे झड़प होती रहती है लेकिन तहसीलदार महोदय पर उच्चाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होती ऐसे में पीड़ित व्यक्ति जाए तो जाए कहां।
बता दें कि निजामाबाद थाना क्षेत्र के बुद्धसेनपुर गांव निवासी लालचंद यादव अपनी पत्नी रमावती के साथ बीते दस दिनों से दबंग भूमाफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से अमल दरामद कराने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे थे। दंपती का धरना जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के सामने स्थित आंबेडकर पार्क में चल रहा था।