योगी सरकार लगातार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करती है, टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए तमाम उपाय करती नजर आती है।
लेकिन ऐसे में अभी भी कुछ ऐसे भी अधिकारी है जो अभी भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और जमकर करोड़ों की हेराफेरी कर रहे हैं।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के नगर निगम का आया है जहां करोड़ों के स्क्रैब टेंडर को लेकर अधिकारियों ने बड़ा घोटाला किया है।
बता दें कि 25 करोड़ से ज्यादा के स्क्रैब टेंडर में जमकर गोलमाल किया गया है,25 करोड़ से भी अधिक कीमत के सोडियम लाइट के स्क्रैप को मात्र 6 करोड़ 80 लाख में बेच दिया गया।
सबसे बड़ी बात यह रही कि इस नीलामी की विज्ञप्ति किसी भी बड़े राष्ट्रीय अखबार में नहीं दी गई, वर्ष 2021 में स्क्रैप नीलामी को लेकर दो बार विज्ञप्ति निकाली गई। लेकिन नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से टेंडर को कैंसिल कर दिया, वर्ष 2022 में बिना टेंडर की सूचना के ही नगर निगम ने करोड़ों का खेल कर दिया।
हालांकि इस मामले में नगर निगम के मुख्य अधिशासी अभियंता से लेकर नगर आयुक्त तक सभी चुप्पी साधे हुए हैं। नगर निगम का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कोई भी जवाब नहीं दे रहा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर इस स्क्रैप नीलामी की विज्ञप्ति किसी अखबार में निकाली गई,तो इस बात का जवाब आला अधिकारी क्यों नहीं दे रहे हैं। यह सबसे बड़ा सवाल है अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि नगर निगम में भ्रष्टाचार करने वाले ऐसे अधिकारी कब तक सरकार के मंसूबों पर पानी फेरगें।