अब आजमगढ़ में भी होगा औद्योगिक विस्तार जानिए क्यों किया गया इन्वेस्टर मीट किस तरह होगा आजमगढ़ का औद्योगिक विकास

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आजमगढ़ में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाओं को लेकर इन्वेस्टर्स मीट  गोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जनपद में अपार निवेश की संभावनाओं के बारे मे विस्तार से चर्चा की।

जनपद आजमगढ़ ने प्रत्येक क्षेत्र में नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निवेश के क्षेत्र में इन्वेस्टर्स समिट की जा रही है, जिसमें जनपद आजमगढ़ में 178 निवेशों की बात हुई है एवं जिसमें मार्च तक और भी वृद्धि होगी ।

उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने कार्य पद्धति को ही चेंज कर दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति एवं पूंजी दोनों की सुरक्षा की गारण्टी सरकार की प्राथमिकता हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि एफपीओ के लिए नौजवानों/युवाओं को प्रेरित करना चाहिए। मास्टर प्लान शीघ्र तैयार हो जाएगा, जिससे एक नई टाउनशिप तैयार होगी। नई तकनीकी पर ध्यान देकर काम करना चाहिए एवं उसे सुरक्षित बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सरकार एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने वाले है। उन्होंने कहा कि सरकार इज ऑफ डूइंग पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी टीम बनाकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा विदेशों में जाकर निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। 

जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन पूर्व के वर्षों में किया गया। इसी क्रम में प्रस्तावित इस इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन से पहले जनपद स्तरीय उद्यमियों के साथ बैठक कर प्रशासन द्वारा निवेशकों के हित में पॉलिसी तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि भारत 5 ट्रिलियन इकोनामी का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। उसी क्रम में प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर अर्थात एक करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि विगत 6 वर्षों में औद्योगिक एवं अन्य नीतियों को काफी कम्पटेटिव बनाया गया है। उन्होने कहा कि शासन द्वारा लगभग 25 नीतियां बनायी गयी है। उन्होने कहा कि यह जनपद मुख्य रूप से कृषि प्रधान है। आज जो एमओयू हुए हैं, उनमें से काफी संख्या में खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी उद्योग के हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यहां का एक उत्पाद टेक्सटाइल एवं हथकरघा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल एवं पावर लूम की जो नीति है, शायद भारत की सबसे अच्छी नीति है, उम्मीद है कि उस नीति के बैक ग्राउंड में हैंडलूम एवं टेक्सटाइल के क्षेत्र में और अधिक निवेश मिलेगा। इससे संबंधित जो बुनकर सोसाइटियां हैं, वह भी इसका भरपूर उपयोग करेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि अब तक लगभग 2 हजार करोड़ के निवेश के एमओयू पर साइन हुए हैं, उनमें से कुछ माइक्रो इंटरप्राइजेज एवं कुछ बड़ी कंपनियां है। उन्होंने कहा कि 178 इंटेंट का साइन हुआ है, उनमें लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि यह निवेश धरातल पर उतर आएगा तो लगभग 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने में सफल होंगे। 

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