जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपराध को नियंत्रण में करने की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी कुख्यात अपराधी हैं, जो अपराध करने से बाज नहीं आ रहे और खुलेआम पुलिस के नाक के नीचे अपने कारनामों को अंजाम देकर बड़े ही आसानी के साथ निकल जाते हैं।
आपको बता दें कि आजकल राजधानी लखनऊ में ऐसे फर्जी एसटीएफ गिरोह सक्रिय हो गया है।
जिसमें खुद को एसटीएफ का अधिकारी बताकर पिस्टल के दम पर लोगों को बंधक बनाते हैं। इसके बाद उनके साथ लूटपाट करते हैं।
ताजा मामला राजधानी लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र का आया है।
जहां अतुल सिंह नाम के व्यक्ति को फर्जी एसटीएफ अधिकारी बनकर 3 लोगों ने उसे गाड़ी में बिठा कर बिठौली क्रॉसिंग से मड़ियांव थाने के बाहर ले जाकर लूटपाट को अंजाम दिया।
पीड़ित के पास 24000 रुपए थे, हालांकि उसे छोड़ने के एवज में फर्जी एसटीएफ अधिकारी ₹5 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। ₹5 लाख रुपए की रकम ना मिलने पर पीड़ित से ₹24 हजार रुपए गूगल-पे के माध्यम से ट्रांसफर करवा लिए।
इसके साथ ही पीड़ित को मड़ियांव थाने के गेट पर ले जाकर धमकी देते हुए कहा कि अगर किसी को बताया तो इनकाउंटर कर देंगे।
पीड़ित ने इस बात की जानकारी एटीएस के कुछ अधिकारियों को दी तो उसे पता चला कि यह लोग फर्जी अधिकारी हैं और इस तरह के घटना को अंजाम देते हैं।
फर्जी अधिकारी बनने वाले व्यक्तियों की पहचान प्रापर्टी डीलरों के रूप में हुई है।
हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
लेकिन देखने वाली बात यह होगी मुख्यमंत्री योगी के मंसूबों पर पानी फेरने वाले और ऐसे अपराधीक घटना को अंजाम देने वाले लोगों पर कानून अपना शिकंजा कब तक कसता है।