आजमगढ़ मंडलीय चिकित्सालय के नेत्र सर्जन डॉo चंद्रहास पर लगा पैथोलॉजियों की दलाली का आरोप

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आजमगढ़ मंडलीय जिला चिकित्सालय सरकारी डॉक्टरों द्वारा की जा रही है दलाली।

 

आजमगढ़।विवादों में रहे डॉक्टर चंद्रहास का पूरे मंडलीय चिकित्सालय पर है दबदबा मंडलीय जिला चिकित्सालय पैथोलॉजी जांच को लेकर खुद दलाली मे सलिप्त दिखाई दिए
मरीजों द्वारा फोन करके मीडिया कर्मियों को बुलाया गया मीडिया कर्मी के पहुंचते ही डॉक्टर चंद्रहास द्वारा ब्लड जांच को लेकर बात चीत की जा रही थी। व पीड़ित मरीज ने बताया की डॉक्टर राज नाथ द्वारा ब्लड जांच के लिए रिपोर्ट लिखी गई जब जांच कराने गए मरीज तभी पैथोलॉजी कर्मचारी द्वारा यह कहा गया की ब्लड जाच बगैर मोहर की नहीं की जाएगी। पैथोलॉजी में उपलब्ध कर्मचारी से पूछा गया कि जांच क्यों नहीं कर रहे हैं तब उन्होंने कहा कि डॉक्टर चंद्रहास द्वारा बगैर मोहर की जांच के लिए मना किया गया है वही डॉक्टर राजनाथ से इस बारे में बात किया गया तो डॉक्टर राजनाथ द्वारा बताया गयाकी रिपोर्ट जाच सिग्नेचर से ही की जाती है

ऐसा आदेश नहीं है जो की मोहर लगाकर जांच कराई जाए पैथोलॉजी इंचार्ज और डॉक्टर चंद्रहास की मिलीभगत आए दिन मरीजों को परेशान कर मरीजों का शोषण किया जाता है डॉक्टरों द्वारा ओपीडी 2:00 बजे तक चलाई जाती है लेकिन पैथोलॉजी 11:00 बजे के बाद ब्लड जांच की रिपोर्ट नहीं ली जाती है अस्पताल में जहां बदलते मौसम में इन दिनों जहां ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी है तो वही पैथालाजी विभाग में तैनात एलटी के मनमाने रवैए से मरीज परेशान हो रहे है। विभाग के अधिकारी भी इस एलटी के इस मनमाने रवैए पर चुप्पी साधे हुए है। जबकि जांच का समय दो बजे तक है लेकिन एलटी 11 बजे के बाद कोई भी मरीज की जांच नही लेते है, तत्कालीन मंडलायुक्त ने पूर्व में निरीक्षण के दौरान तत्कालीन एसआइसी को दो बजे तक जांच के निर्देश दिए थे।
मंडलीय जिला अस्पताल में इन दिनो मौसम को देखते हुए जहां सर्दी, खांसी, बुखार और डेंगू के मरीजो की संख्या तेजी से बढ रही है और ओपीडी में डाक्टरो के पास लंबी-लंबी लाइने लगी रहती है जिसमें ज्यादातर मरीज बुखार, यूरिक एसिड, शुगर, सहित अन्य बीमारियों के मरीज पहुंच रहे है। ओपीडी में भीड की वजह से डाक्टर को दिखाने में मरीजों को लगभग 12 बज जा रहे है जिस पर डाक्टर अगर जांच के लिए लिख रहे है तो उन्हें बाहर से जांच कराकर ही रिर्पोट दिखानी पड़ रही है। क्योकि तब तक अस्पताल की पैथालाजी पर ताले लटक रहे होते है। हालाकि प्रतिदिन औसतन अस्पताल में लगभग सात सौ से आठ सौ मरीजों की ओपीडी होती है जिसमें लगभग अस्सी से सौ मरीजों को डाक्टर जांच के लिए लिखते है, लेकिन पैथालाजी बंद होने के कारण आए दिन मरीजो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा और उन्हें निजी के सहारे जांच करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हालाकि तत्कालीन मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो तत्कालीन एसआइसी डा.अनूप सिंह को दो बजे तक जांच के लिए निर्देश दिया गया था और कुछ दिनो तक दो बजे तक जांच हुई भी लेकिन मंडलायुक्त के स्थानांतरण के बाद पैथालाजी में तैनात एलटी मनमाने रवैए अपनाते हुए 11 बजे तक ही सेंपल लेने का काम करते हुए पैथालाजी बंद कर देते है। वही मीडिया कर्मियों को देखते ही सारे जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी अपने ऑफिस को छोड़कर नदारद रहे
जहां पर योगी सरकार बड़े-बड़े स्वास्थ्य को लेकर दावे करती है वहीं पर भ्रष्ट कर्मचारी ही स्वास्थ्य में संलिप्त दिख रहे हैं ऐसे में स्वास्थ्य सेवाएं कहां तक मजबूत है यह तो सिर्फ कागजों तक ही सीमित है वह सामने सिर्फ दलाली ही दलाली दिखती नजर आ रही है खबर लिखे जाने तक डा चंद्रहास दलाली व उपद्रवी रूप में नजर आए।

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