29 नवंबरः गुरुग्राम में सीवर नेटवर्क को मजबूत करने के लिए चल रहे प्रयासों में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) जल्द ही एनएच-8 के साथ कुल 2.2 किलोमीटर लंबी मास्टर सीवर पाइपलाइन के पुनर्वास का काम शुरू करेगा। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने प्राधिकरण की 52वीं कोर प्लानिंग सेल बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
जीएमडीए के इन्फ्रा 2 डिवीजन ने मौजूदा खराब और क्षतिग्रस्त सीवर लाइनों के पुनर्वास के प्रस्ताव की सिफारिश की, जो एनएच-8 के साथ एंबिसंय मॉल और डीएलएफ फेस-1 रोड़ के बीच बिछी हुई है, ताकि भविष्य में इनके टूटने/बैठने और सड़क के धंसने की स्थिति को रोका जा सके। इसमें मुलसारी रोड से नेशनल मीडिया सेंटर तक 1000 मीमी डायमीटर की 292 मीटर लंबी मास्टर सीवर लाइन और साइबर हब से इफ्को चौक जाने वाली 14 मीमी डायमीटर की 1895 मीटर लंबी मास्टर सीवर लाइन मौजूद है, जिन्हें क्योर्ड-इन-प्लेस पाइप (सीआईपीपी) तकनीक से मजबूत किया जाएगा।
इस प्रस्ताव को जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की मंजूरी मिल गई,जिन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सीआईपीपी तकनीक के माध्यम से गुरुग्राम की पुरानी और क्षतिग्रस्त मास्टर सीवर लाइन के पुनर्वास के कार्य को भी जीएमडीए की प्राधिकरण बैठक में मंजूरी दे दी गई है।
ताकि शहर में एक मजबूत और प्रभावी सीवर नेटवर्क सुनिश्चित किया जा सके।
गुरुग्राम में मौजूदा मास्टर सीवर लाइनें चरणबद्ध तरीके से बिछाई गई थीं और कुछ हिस्सों को 30 साल से अधिक समय पहले बिछाया गया था,जिन्होंने अपना जीवनकाल पूरा कर लिया है।
जीएमडीए ने सीआईपी प्रौद्योगिकी के साथ कुल 7 किलोमीटर लंबी मास्टर सीवर लाइन को मजबूत करने का काम पूरा कर लिया है और अगले 7 किलोमीटर पर काम चल रहा है। सीवर लाइनों के उन हिस्सों पे विशेष ध्यान दिया जा रहा है,जिनका पहले उन्नयन नहीं किया गया है या जिन्हें प्राथमिकता पे मजबूत करना जरूरी है। सीआईपीपी लाइनिंग के 50 साल के जीवनकाल को ध्यान में रखते हुए, इन सीवर लाइन्स का सीआईपीपी तकनीक के साथ पुनर्वास किया जा रहा है।
जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने कहा कि
इन्फ्रा 2 के मुख्य अभियंता राजेश बंसल ने यह भी क प्रस्तुत किया कि सीएनजी पंप से सुभाष चौक तक सेक्टर 33/72ए के बीच मास्टर रोड के साथ सीवर लाइन का विस्तार भी प्रगति पर है और दो महीने के भीतर काम पूरा हो जाएगा।
इसके साथ ही अवैध सीवर कनेक्शन और बरसाती नालों में अनुपचारित सीवर के निस्तारण की भी चिंता जताई गई। जीएमडीए के सीईओ ने अधिकारियों को इस मामले पर सतर्क रहने को कहा और शहर में सीवरेज और ड्रेनेज नेटवर्क की योजना बनाने, बिछाने और ट्रैक करने के लिए परिष्कृत तकनीक का उपयोग करने पर ध्यान दें।