लखनऊ। आर.एल.डी. के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा ने डी.ए.पी. की भारी किल्लत व कालाबाजारी को देखते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला तथा डीएपी की कालाबाजारी में प्रदेश सरकार के अधिकारी व मंत्रियों की संलिप्तता की संभावना से इंकार न करते हुए कहा कि क्या कारण है कि सहकारी समितियों से डीएपी नदारद है ? जबकि वहीं आसपास के निजी खाद विक्रेता खुलेआम धड़ल्ले से ऊंचे दामों पर वही खाद किसानों को बेंचकर उनकी विवशता का फायदा उठा रहे हैं ।
अनुपम मिश्रा ने कहा कि किसानों के पास बुवाई का एक निश्चित समय होता है यदि उसी समय जुताई – बुवाई न की गई तो फसल नहीं मिलेगी इसी विवशता का फ़ायदा निजी दुकानदार सरकार के जिम्मेदारों की मिलीभगत से उठाते हैं और सहकारी समितियों से खाद गायब करा कर अपनी दुकानों पर ऊंचे दामों पर बेचते हैं जिससे किसान की उपज की लागत बढ़ जाती है और आम उपभोक्ता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। आगे बोलते हुए कहा कि यह क़िल्लत पिछले 1 महीने से चल रही है और कृषि मंत्री सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी जो सफेद झूठ बोल रहे हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है उनको चिन्हित कर तत्काल बर्खास्त कर उनकी जांच कराकर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त दिया जाय व कृषि मंत्री का भी तत्काल इस्तीफा लिया जाना चाहिए ।
मिश्रा ने हाल ही में प्रकाश में आई भदोही व अयोध्या की घटना से सरकार को सबक लेने की सलाह देते हुए कठोर नियम बनाने की सरकार को सलाह दी जहां 32 सहकारी समितियों ने पुराने खाद के स्टॉक को नए दामों पर किसानों को बेचकर ठगने से भी नहीं हिचके ।अपने जारी बयान में उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अनुपम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार को जब यह मालूम था कि यह गेहूं और आलू की बुवाई का समय है तो इसकी तैयारी पहले से क्यों नहीं की गई ? उन्होंने इस खाद संकट व कालाबाजारी के लिए प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसके तत्काल निराकरण व एक समान वितरण सुनिश्चित करने की माँग की है ।