आजमगढ़ के जीडी ग्लोबल स्कूल को नेशनल कैडेट कोर के लिए मान्यता प्राप्त हुई है।
जी0डी0ग्लोबल स्कूल के 26 बच्चों का एनसीसी में सेलेक्शन हुआ है तथा यहां पर 3 अक्तूबर से विभिन्न जिलों जिनमें वाराणसी मिर्जापुर जौनपुर मऊ अंबेडकरनगर समेत अन्य जिलों के कैडेट कैंप में शामिल हो रहे हैं।
इस संबंध में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें विद्यालय की प्रधाना आचार्य मोनिका सारस्वत पांडे एनसीसी 99 बटालियन के कर्नल मनु व धनंजय जीडी ग्लोबल स्कूल के प्रबंधक गौरव अग्रवाल मौजूद रहे।
विद्यालय की प्रधानाचार्या मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने बताया कि यह न केवल हमारे विद्यालय के लिए अपितु पूरे जनपद के लिए हर्ष का विषय है कि हमारा विद्यालय जीडी ग्लोबल स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त जिले का पहला ऐसा विद्यालय है जिसे एनसीसी से संबद्ध किया जा रहा है।
जिसका उद्घाटन दिनांक 3 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार प्रातः 10 बजे जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की उपस्थिति में सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही साथ विद्यालय परिसर में एनसीसी के शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। जिसमें पांच जनपदों के 500 एनसीसी कैडेट प्रतिभाग कर रहे हैं।
प्रधानाचार्या ने बताया कि यह शिविर 8 दिन तक अनवरत दिनांक 2 अक्टूबर से 09 अक्टूबर तक चलेगा। जिसमें हमारे विद्यालय के बच्चे भी प्रतिभाग करेंगे। इस शिविर में एनसीसी के सभी प्रशिक्षण दिए जाएंगे। अनुशासन, राष्ट्र सेवा, समाज सेवा, चरित्र निर्माण, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण, साहस की भावना एवं स्वयं को सेवा के लिए संकल्पित रहने की प्रेरणा दी जाएगी । जिसमें आजमगढ़ के एनसीसी के 99 वीं बटालियन से संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारी के साथ साथ वाराणसी जोन के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने एनसीसी की स्थापना, उददेश्य और महत्व पर विस्तार से भूमिका रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय कैडेट कोर एक त्रि सेवा संगठन है। जिसमें सेना, नौसेना और एयर विंग शामिल हैं, जो देश के युवाओं को अनुशासित और देशभक्त नागरिकों में संवारने में लगे हुए हैं। भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर एक स्वैच्छिक संगठन है, जो पूरे भारत में हाई स्कूल, उच्च माध्यमिक, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से कैडेटों की भर्ती करता है। एनसीसी 99 वीं बटालियन के कर्नल मनु व धनंजय ने बताया कि एनसीसी की शुरुआत 15 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर एक्ट के तहत हुई थी। 1988 में राष्ट्रीय कैडेट कोर का उद्देश्य निर्धारित हुआ था तथा यह समय की कसौटी पर खरा उतरा है और देश की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में भी अपेक्षित आवश्यकता को पूरा कर रहा है। एनसीसी का लक्ष्य युवाओं में चरित्र निर्माण, कामरेडशिप, अनुशासन, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण, साहस की भावना तथा स्वयं सेवा के आदर्शो को विकसित करना है।
इसके अलावा इसका उद्देश्य जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व गुणों के साथ संगठित, प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं का एक पुल बनाना है, जो राष्ट्र की सेवा करेंगे चाहे वे किसी भी कैरियर का चयन करें। कहने की जरूरत नहीं कि राष्ट्रीय कैडेट कोर युवा भारतीयों को सशस्त्र बलों में शामिल एवं प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।
एनसीसी एक वॉलेंटियरी ऑर्गनाइजेशन है और स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले युवा अपनीइसे इसे ज्वाइन कते है। एनसीसी कैडेट को देश की सेनाओं की यूथ विंग तक कहा जाता है। अभी हमारे देश में 15 लाख से ज्यादा एनसीसी कैडेट है। जिस समय इसकी शुरुजात हुई थी उस समय 20,000 कैडेट ही थे। एनसीसी कैडेट्स को छोटे हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है। एनसीसी में इंडियनआर्मी, एयरफोर्स और नदी के ऑफिसर्स ट्रेनिंग देते है । देश के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करने और राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहने के लिए संगठित प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं का मानव संसाधन बनाना। एनसीसी लड़के और लड़किय दोनों के ही लिए है। एनसीसी ए सर्टिफिकेट जूनियर डिविजन के उन कैडेटस को दिया जाता है जो अपनी 2 साल की ट्रेनिंग को पूरा कर चुके होते हैं। एनसीसी बी सर्टिफिकेट सीनियर डिविजन के छात्रों को मिलता है ये भी दो साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही मिलता है। एनसीसी सी सर्टिफिकेट सीनियर डिविजन के उन छात्रों को मिलता है जिन्होंने 3 साल की ट्रेनिंग पूरी कर ली होती है। एनसीसी बी और सी सर्टिफिकेट के लिए यह जरूरी नहीं है आपके पास एनसीसी ए सर्टिफिकेट भी होना चाहिए। सशस्त्र बलों में कैरियर बनाने के लिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना। एनसीसी कैडेटों को नेतृत्व के गुण, अनुशासन, ईमानदारी, एक टीम में काम करने, समय प्रबंधन, उच्च आत्मविश्वास रखने, शारीरिक रूप से स्वस्थ होने, स्वयं में पहले सेवा, समाज सेवा और मातृभूमि के प्रति सेवा की जिम्मेदारी सिखाकर उनके समय व्यक्तित्व में सुधार करने में मदद करते हैं।