जब होटल तोड़ने से रोका…मालिक को ADM ने सिर से मारा
वाराणसी में बनी है 90 कमरों की 5 मंजिला बिल्डिंग, को गिरा रहे हैं पांच बुल्डोजर।
बनारस कोठी होटल के मालिक खुर्शीद आलम को सिर मारते एडीएम आलोक कुमार।बनारस कोठी होटल के मालिक खुर्शीद आलम को एडीएम आलोक कुमार ने सिर से मारा।
वाराणसी के बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटल पर बुलडोजर एक्शन हो रहा है। VDA के अफसरों ने होटल सील किया था। शनिवार सुबह पुलिस ने होटल खाली कराया। तोड़-फोड़ शुरू हो चुकी है। 90 कमरों की 5 मंजिला इस होटल को तोड़ने के लिए 5 बुलडोजर लगाए गए हैं।
जब होटल मालिक खुर्शीद आलम ने विरोध शुरू किया, तब ADM सिटी आलोक कुमार ने उन्हें सिर मार दिया। इससे उनके मुंह से खून निकलने लगा। इसके बाद सपोर्ट में करीब 100 लोग इकट्ठा हो गए। मगर बुलडोजर कार्रवाई जारी रही।
वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के मुताबिक, होटल को वरुणा नदी के डूब क्षेत्र में बनाया गया है। 8 साल पहले भी होटल को सील किया गया था। इसके बावजूद होटल ने कंस्ट्रक्शन जारी रखे। यात्रियों की बुकिंग भी लेता रहा। इसलिए अब होटल गिराने की कार्रवाई हो रही है। ये होटल बुद्ध विहार कॉलोनी में बनाए गए हैं।
अफसरों से बहस हुई, होटल मालिक बेहोश हुए
VDA की टीम बनारस कोठी होटल पहुंची। यह होटल 5 मंजिल का है। होटल मालिक मोहम्मद जाफर खान की VDA अफसरों से बहस हो गई। बात करते हुए वह बेसुध हो गए। होटल स्टाफ ने उन्हें संभाला। होटल के अंदर तोड़-फोड़ के बीच बाहर पुलिस फोर्स तैनात है। होटल मालिक के परिजन भी बाहर पहुंचे हैं। वह रोते हुए अफसरों से कार्रवाई रोकने की गुहार लगा रहे हैं।
होटल पर एक्शन की तस्वीरें
बनारस कोठी होटल बुद्ध विहार कॉलोनी में बना हुआ है। इसे डूब क्षेत्र में बनवाया गया था।
बनारस कोठी होटल बुद्ध विहार कॉलोनी में बना हुआ है। इसे डूब क्षेत्र में बनवाया गया था।
VDA की टीम ने 5 बुलडोजर मंगवाए हैं। होटल की नीचे की मंजिल को तोड़ा जा रहा है।
VDA की टीम ने 5 बुलडोजर मंगवाए हैं। होटल की नीचे की मंजिल को तोड़ा जा रहा है।
होटल कमरों में LCD, फर्नीचर सब लगा हुआ है। इसी बीच तोड़-फोड़ शुरू कर दी गई है। होटल कमरों में LCD, फर्नीचर सब लगा हुआ है। इसी बीच तोड़-फोड़ शुरू कर दी गई है।
ACP अतुल अंजान शनिवार को पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ बनारस कोठी पहुंचे। होटल को खाली कराया गया।
VDA टीम ने होटल संचालक को खाली करने का नोटिस दिया था। प्राधिकरण अवर अभियंता अतुल कुमार मिश्रा ने होटल के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
VDA वरुणा क्षेत्र में संचालित बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटल के बिजली कनेक्शन पहले ही कटवा चुकी है। जलकल जीएम को लेटर लिखकर पानी का कनेक्शन काटने को कहा था। आज होटल को गिराने की कार्रवाई की जा रही है।संचालक मोहम्मद जाफर खान का कहना है कि हम कोर्ट जाएंगे।
संचालक मोहम्मद जाफर खान का कहना है कि हम कोर्ट जाएंगे। वही से राहत मिल सकती है।
8 होटल पहले सील हुए थे, नदी के 50 मीटर दायरे में कंस्ट्रक्शन की है मनाही
VDA ने 8 साल पहले यानी 2015 में दोनों होटलों को मानक के विपरीत बताकर सील किया था। आरोप था कि होटल को बनाते वक्त वरुणा नदी के किनारे 50 मीटर दायरे में कंस्ट्रक्शन न करने के आदेश का पालन नहीं किया गया। NGT के आदेश के बावजूद होटल बनाए गए।
इसके बाद 13 फरवरी, 2015 को बनारस कोठी और 23 नवंबर, 2015 को रिवर पैलेस पर ताला लगाकर सील कर दिया गया। होटल संचालक कोर्ट गए तो वहां भी राहत नहीं मिली और याचिका खारिज हो गई।
विरोध को देखते हुए होटल के बाहर पुलिस तैनात की गई है।
विरोध को देखते हुए होटल के बाहर पुलिस तैनात की गई है।
VDA के अफसरों के मुताबिक, नक्शा पास नहीं
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा- बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटलों का नक्शा स्वीकृत नहीं है। वरुणा नदी के किनारे 50 मीटर एरिया को डूब क्षेत्र माना जाता है। इस पर निर्माण के लिए NGT ने रोक लगाई है। 2015 में दोनों होटल सील किए गए थे, उसके बाद भी चलाने पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
आरोप है कि सत्ता दल के नेताओं और अधिकारियों से साठगांठ कर दोनों होटल का संचालन शुरू हो गया। इसके बाद लगातार पर्यटकों को टूरिज्म एजेंसी के नाम पर बुकिंग दी जा रही थी। दूसरे होटल के नाम से बुकिंग लेकर इन दोनों होटल में ठहराया जा रहा था।
उधर, होटल संचालक मोहम्मद जाफर खान ने बताया- हमने होटल के बिजली बिल जमा किए। VDA के नियमों का पालन किया। उनके केस के खिलाफ अपील भी की। अब विभाग मनमानी कर रहा है, इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।होटल मालिक के सपोर्ट में लोग इकट्ठा हो रहे हैं।
होटल मालिक के सपोर्ट में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। इसलिए अलग-अलग थानों का फोर्स मंगवाया गया है।
VDA वीसी ने कहा 2016 में होटल के ध्वस्तीकरण के आदेश हुए थे। इन लोगों ने कमिश्नर ऑफिस से लेकर कई कोर्ट में अपील की। हर जगह सुनवाई के बाद केस खारिज हो गया। 2017-2018 में भी टीम होटल गिराने आई थी। उस वक्त महिलाओं को आगे कर टीम को रोका गया था। सरकारी काम में बाधा डालने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। दोबारा ऑर्डर जारी होने के बाद इन्हें बुकिंग रोकनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पिछले 6 साल से अवैध तरीके से होटल चला रहे हैं।