गाजीपुर । बाहुबली मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर के उसरीचट्टी में जानलेवा हमले के मामले में आरोपी ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ कोर्ट में गवाही हुई है।
एमपी/एमएलए कोर्ट में इस दौरान त्रिभुवन पेश हुआ लेकिन ब्रजेश की तरफ से हारिजी माफी की अर्जी दी गई। मुख्तार अंसारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ा। मुख्तार अंसारी की तरफ से पेश गवाह रमेशराम ने उस दिन का पूरा घटनाक्रम सुनाया। अब बचाव पक्ष के वकील गवाह से अगली तारीखों पर जिरह करेंगे।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एमपी/एमएलए कोर्ट रामसुध सिंह की अदालत में यह गवाही हुई। 21 साल पहले मुख्तार अंसारी पर हमला हुआ था। मामले के आरोपित और ब्रजेश सिंह के सहयोगी त्रिभुवन सिंह को मिर्जापुर जेल से यहां लाया गया। ब्रजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह के अधिवक्ता ने हाजिरी माफी की अर्जी डाली। इसके बाद त्रिभुवन के सामने ही गवाह रमेशराम ने गवाही दी और बयान दर्ज कराया।
गवाह ने बताया कि 15 जुलाई 2001 को दोपहर 12:30 बजे तत्कालीन मऊ विधायक मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ में जा रहे थे। मुहम्मदाबाद थानाक्षेत्र के उसरी चट्टी में पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। मुख्तार को बचाने में सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप गोलियों के शिकार हो गए। उनकी मौके पर मौत हो गई और साथी रुस्तम उर्फ बाबू घायल हो गए थे। उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
मुख्तार अंसारी पर हमला करने वाला एक हमलावर भी मारा गया और कई घायल हुए। कोर्ट ने गवाह के बयान के बाद जिरह के लिए छह सितंबर की तारीख तय की है। इसमें आरोपित ब्रजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के अलावा अन्य को तलब किया गया है।