जनपद आजमगढ़ में महिला दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्मा कुमारीज अध्यात्मिक जागृति भवन के प्रांगण में महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बताया गया कि महिला दिवस मनाने का लक्ष्य मातृत्व गुणों को जगाना है। नारी शक्ति की सूचक मानी जाती है। महिलाएं जितनी सशक्त होगी उतना ही परिवार सशक्त होगा। अध्यात्मिक शक्ति इसका सहज माध्यम है। अध्यात्मिकता कोई अलग नही है। स्वयं को समझना ही अध्यात्मिकता है। आत्मा की शुद्धता ही अध्यात्मिक मृत्यों का संचार करती है। अध्यात्मिकत्ता वो ऊर्जा है जिसमें सकारात्मक परिवर्तन की शक्ति सहज आती है। जब हम सकारात्मक ऊर्जा से पूर्ण होते है तभी एक बेहतर निर्णय ले सकते है। स्वचिंतन हमें स्वयं की क्षमताओं से परिचित कराता है। जीवन में गुणों की धारणा से ही हमारे मन, वचन कर्म में एकता आती है। नारी अबला नही है, सबला है शक्ति रूप है। आज महिलाएं सभी क्षेत्र में आगे है।ब्रह्मकुमारीज संस्था के संस्थापक 1937 में हीरें जवाहरात के व्यापारी दादा लेखपाल कृपालानी ने नारी सशक्तिकरण की नींव रखी। नारी उत्थान को लेकर उनका हृदय संकल्प ही था कि उन्होनें अपनी सारी जमीन जायदाद बेचकर एक ट्रस्ट बनाया और उसमें संचालन की जिम्मेदारी नारियों का सौपीं। इतने बड़े त्याग के बाद भी खुद को कभी समिति में नही रखा। वर्ष 1950 में संस्थान का अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउन्ट आबू बनाया गया। पहले इस संगठन का नाम ओम मण्डली था। 1950 में बदलकर इसे प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय किया गया।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान नारी शक्ति द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा और एक मात्र संगठन है। जहां मुख्य प्रशासिका से लेकर प्रमुख पदों पर महिलाएं ही है। नारी सशक्तिकरण का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है कि यहां के भोजनालय में भाई भोजन बनाते और बहने बैठकर भोजन करती है। संगठन की सारी जिम्मेदारी बहने सम्भालती है और भाई उनके सहयोगी के रूप में साथ निभाते है।संस्था के इस समय विश्व के 140 देशों में 5 हजार से अधिक सेवा केन्द्र संचालित है। 50 हजार ब्रह्माकुमारी बहने समर्पित रूप से तन, मन, धन के साथ सेवाएं दे रही है।
20 लाख से अधिक लोग इसके नियमित विद्यार्थी है। जो संस्थान के नियमित सत्संग मुरली क्लास को अटेण्ड करते है। चौथी क्लास से पीएचडी डिग्री घारी बहने समर्पित रूप से सेवा दे रही है। इसके साथ ही संस्थान में डाक्टर, इंजीनियर, साईटिस्ट, वकील, प्रोफेसर, जज, आई०ए०एस० से लेकर सिंगर तक है। जिन्होनें बकायदा प्रोफेशनल डिग्री लेने के बाद अध्यात्म की राह अपनायी और आज समर्पित रूप से संस्थान में सेवाएं दे रही है। ब्रह्माकुमारीज के मुख्य शिक्षा राजयोग का आधार स्वपरिवर्तन से विश्व परिवर्तन है। ब्रह्माकुमारी बहने न केवल ज्ञान ध्यान की शिक्षा देती है, बल्कि बड़े स्तर पर संस्थान द्वारा नशा मुक्ति जैविक, यौगिक खेती पर्यावरण संरक्षण बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं युवा जागृति महिला सशक्तिकरण अभियान चलाये जा रहे है।आजमगढ़ सेवा केन्द्र प्रभारी बी०के० रंजना, लालगंज प्रभारी बी०के० अनिला जीयनपुर प्रभारी बी०के० हेमलता, अनीता द्विवेदी समाज सेविका, व्यवसायिका, टीचर, रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी उषा सिंह एवं ब्रह्माकुमारीज की माताएं एवं अन्य माताएं बहने बी०के० गीता, बी०के० पूजा इस अवसर पर उपस्थित रहीं।