लखनऊ 7 दिसम्बर 2024
सरकार लगातार समय-समय पर यातायात के लिए अलग-अलग नियम निकलती है और लोगों को जागरूक करने का भी कार्य करती है,लेकिन राजधानी लखनऊ में यातायात की व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है।
बता दें कि राजधानी लखनऊ के लगभग सभी चौराहों पर ई-रिक्शा का अतिक्रमण तो रहता ही है,इसके साथ ही हजरतगंज जैसे इलाकों को छोड़कर के बाकी लगभग सभी जगह पर लाल बत्ती केवल दिखावे के लिए ही रह चुकी है।रेड लाइट होने के बाद भी लोग उसका पालन नहीं करते हैं।
ऐसे में राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने पर सवालिया निशान उठाता है,आलमबाग थाना क्षेत्र में बस अड्डे के चंद कदमों की दूरी पर टेढ़ी पुलिया एवं खालसा चौक के नाम से भी जाना जाता है।
इस चौराहे पर कुल मिलाकर लगभग पांच रास्ते निकलते हैं,कभी ट्रैफिक पुलिस वाले दिखते हैं वह भी केवल वसूली के लिए,उन्हें ट्रैफिक को संभालने से कोई मतलब नहीं होता।उन्हें बस यह चिन्हित करना होता है कि उन्हें चालान कितने करने हैं और पुलिस प्रशासन का यातायात विभाग भी केवल चालान पर ही उनका फोकस है। ट्रैफिक पुलिस के ऊपर प्रतिदिन चालान करने का इतना अधिक प्रेशर है,जिसकी वजह से कुछ इमानदार ट्रैफिक सिपाही परेशान भी रहते हैं।
लेकिन हम अगर बात करें आलमबाग स्थित खालसा चौराहे की तो यहां पर आए दिन दुर्घटना घटती रहती है,गाड़ियां लड़ती रहती हैं और उसका केवल एक कारण है रोड के ऊपर ब्रेकर का ना होना।क्योंकि चारबाग की तरफ से आने वाली सभी गाड़ियां अपनी पूरी रफ्तार में आती है और चौराहे पर तीन तरफ से और भी आवागमन है और कोई रुकने का नाम नहीं लेता है।
ऐसे में प्रतिदिन कोई न कोई घटना घटती रहती है,कई बार ऐसी भी घटना घटी है,जिसमें लोगों को हाथ पैर टूट चुके हैं, सर फट चुका है, अभी हाल ही में ऑटो रिक्शा और मोटरसाइकिल चालक में जोरदार टक्कर हुई जिसकी वजह से मोटरसाइकिल सवार को भी गंभीर चोटें आई और ऑटो रिक्शा भी क्षतिग्रस्त हुआ। शुक्रवार की रात में परिवहन विभाग की बस ने एक स्कूल वैन को टक्कर मार दी, हालांकि परिवहन विभाग के ड्राइवर ने ब्रेक लगाकर नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, परंतु मारुति वैन में टक्कर हो गई।
हालांकि इस टक्कर में मारुति वैन में सवार लोगों को हल्की चोटें आई, परंतु मारुति वैन का दोनों गेट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।मौके पर पुलिस पहुंचकर दोनों पक्ष को समझा बूझाकर किसी तरह मामला रफा-दफा कर दिया। लेकिन यह घटना घटी क्यों सवाल यह उठता है,यदि दोनों रोडों पर अगर ब्रेकर लगे होते, तो हर हाल में चाहे चारबाग की तरफ से आने वाला व्यक्ति हो या आलमबाग की तरफ से दोनों लोगों को दोनों तरफ से आने वाले लोगों को अपने वाहन की गति को धीमा करना पड़ेगा और ऐसे में आए दिन होने वाली दुर्घटना कम हो जाएगी और ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा मिलेगा।अब देखने वाली बात यह है कि इस मामले पर प्रशासन और सरकार क्या कार्रवाई करता है,क्योंकि हाल ही में मंडला आयुक्त रोशन जैकब ने सभी अधिकारियों के निर्देश दिए कि राजधानी लखनऊ के सभी मार्गो को चिन्हित किया जाए जो दुर्घटना बाहुल्य हैं। ऐसे में आशा करते हैं कि जल्द ही आलमबाग क्षेत्र के खालसा चौक पर जल्द ही सरकार ब्रेकर की व्यवस्था करेगी, ताकि भविष्य में कोई दुर्घटना ना हो और यातायात नियंत्रित रहे।