लखनऊ। के.जी.एम.यू. में नियुक्तियों में गड़बड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अभी हाल ही में प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ०प्र०शासन स्तर से करायी गयी,जाँच में मृतक आश्रित नियमावली के अधीन नियम विरूद्ध अनियमित अनुकम्पा नियुक्ति के दोषी पायें गये। हालांकि 5 कार्मिकों को सेवा से बर्खाश्त करना पड़ा था। यह मामला अभी ठण्ढ़ा भी नहीं हुआ था कि एकबार फिर केजीएमयू बैकडोर नियुक्तियों को लेकर उ०प्र० शासन एवं विधान सभा तक चर्चा का विषय बना हुआ है।
केजीएमयू के प्रशासनिक संवर्ग की वरिष्ठता सूची में बिना किसी नियुक्ति एवं बिना किसी चयन के नियम विरूद्ध तदर्थ (एढाक) नियुक्त्तिाधारी कार्मिकों को शीर्ष स्थान पर सम्मिलित करते हुए, उन्हें उच्चतर पदों पर पदोन्नति करने को लेकर प्रशासनिक संवर्ग के कर्मचारियों के निरंतर विरोध पर तत्कालीन कुलपति ले०ज०डा० बिपिन पुरी ने तत्कालीन उप कुलपति,प्रो०विनीत शर्मा की अध्यक्षता में एक पाँच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी संस्तुतियां दिनांक 26.10.2021 को ही दे दी, परन्तु समिति की संस्तुतियों को कुलसचिव कार्यालय के अधिष्ठान के कार्मिक दबाये बैठे हैं। बताते चले कि उप कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी जॉच में यह आरोप सही पाये थे,कि प्रशासनिक संवर्ग की सूची में तदर्थ नियुक्तिधारी ऐसे कार्मिकों को नियम विरूद्ध सम्मिलित करते हुए,उन्हें वरिष्ठता सूची में शीर्ष स्थानों पर समाहित किया गया है।जिनका विनियमितीकरण अभी तक नहीं हुआ है। समिति ने अपनी संस्तुतियों में ऐसे तदर्थ नियुक्तिधारी कार्मिकों को जिनका विनियमितीकरण नहीं हुआ है की सूची बनाते हुए उनको प्रशासनिक संवर्ग की वरिष्ठता सूची से बाहर करते हुए संशोधित वरिष्ठता सूची निर्गत किये जाने की संस्तुति करी गयी थी।
इस मामले में तत्कालीन कुलसचिव, श्रीमती रेखा एस०चौहान ने अपने पत्र दिनांक 07.02. 2023 के माध्यम से प्रशासनिक संवर्ग में कार्यरत तदर्थ नियुक्तिधारी कार्मिकों के संदर्भ में मार्गदर्शन प्रदान प्रदान करने का अनुरोध किया गया। जिसके अनुकम में अनु सचिव, चिकित्सा शिक्षा अनुभाग-2, उ०प्र० शासन के शासनादेश दिनांक 28 फरवरी 2023 कुलसचिव के उपरोक्त पत्र के कम में कतिपय प्रेक्षाएं की गयी परन्तु कुलसचिव अधिष्ठान के कार्मिकों द्वारा शासन के इस पत्र को भी दबा दिया गया।
प्रश्नगत् प्रकरण के संदर्भ में समिति की संस्तुतियों की प्रति संलग्न करते हुए लम्भुवा सुल्तानपुर से भा.ज.पा. विधायक, सीताराम वर्मा ने उप मुख्यमंत्री, उ०प्र० सरकार से समिति की संस्तुतियों के आधार पर कार्मिकों की ज्येष्ठता निर्धारण करने हेतु सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध कमशः अपने पत्रों दिनांक 21.11.2022, 21.07. 2023 एवं 24.01.2024 द्वारा किया गया। विधायक के पत्र दिनांक 21.07.2023 के कम में उप सचिव, चिकित्सा शिक्षा अनुभागग-2, उ०प्र० शासन के शासनादेश दिनांक 18 अगस्त, 2023 द्वारा कुलसचिव, केजीएमयू को प्रश्नगत् प्रकरण में कार्यवाही के निर्देश दिये गये। परन्तु अधिष्ठान के कार्मिकों द्वारा शासन के इस पत्र को भी दबा लिया गया। बताते चलें कि तदर्थ नियुक्तिधारी कार्मिकों में कतिपय कार्मिक ऐसे हैं,जो कुलपति कार्यालय, वित्त कार्यालय एवं कुलसचिव कार्यालय जैसे प्रशासनिक कार्यालयों में महत्वपूर्ण पटलों पर तैनात है।जिसकी वजह से अधिष्ठान के कार्मिकों के उपर उनका बर्चस्व कायम है और इसी बर्चस्व के चलते अधिष्ठान के कार्मिकों से सांठ गांठ कर के तदर्थ नियुक्तिधारी कार्मिकों को संरक्षण देने हेतु माननीय विधायकगणों एवं शासन तक के पत्रों को दबा दिया जा रहा है।
विधायक सीताराम वर्मा ने पुनः अपने पत्र दिनांक 24.01.2024 द्वारा उप मुख्यमंत्री से प्रश्नगत् प्रकरण में कार्यवाही करने हेतु सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर उप सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, उ०प्र० शासन के शासनादेश दिनांक 10 फरवरी 2024 के माध्यम से कुलसचिव, केजीएमयू को विधायक के पत्र के अनुकम में प्रश्नगत प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही की आख्या से शासन को अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया है। अब देखना यह है दिलचस्प होगा कि केजीएमयू की नयी कुलसचिव श्रीमती अर्चना गहरवार एवं कुलपति प्रो० सोनिया नित्यानंद इन अनियमित नियुक्तियों के संदर्भ में क्या कार्यवाही करते है क्योकि कतिपय तदर्थ नियुक्तिधारी कार्मिक इनके कार्यालयों में ही तैनात है।