लखनऊ 18 मई 2023
15 मई को चीफ जस्टिस प्रितिकंर दिवाकर एवं जस्टिस राजन राय की बेंच में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर हुई सुनवाई में जस्टिस राजन राय ने पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया की टीईटी एक पात्रता परीक्षा है,इसीलिए इस टॉपिक पर किसी भी पक्ष को नहीं सुना जाएगा तथा सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा (एटीआरई ) 69000 शिक्षक भर्ती का सिलेक्शन का पार्ट नहीं है। इस मुद्दे पर दाखिल की गई याचिकाओं पर ही आगे बहस होगी और हम इसी मुद्दे को सुनेंगे और इसी पर फैसला देंगे l
जस्टिस राजन राय ने बहस के दौरान यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया कि सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा (एटीआरई) इस 69000 शिक्षक भर्ती का सिलेक्शन पार्ट है या नहीं यह मात्र एक घंटे की बहस का मुद्दा है। इसलिए सभी अधिवक्ता अपने सभी मजबूत तथ्यों के साथ 25 मई को होने वाली सुनवाई में आए और हम कोशिश करेंगे कि इस मुद्दे को बहुत जल्द खत्म किया जा सके l
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ हाईकोर्ट डबल बेंच के जस्टिस राजन राय ने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि अब सरकार को काउंटर एवं रिजांइडर लगाने के लिए समय नहीं दिया जा सकता, क्योंकि सरकार यह सभी प्रक्रियाएं सिंगल बेंच में पूर्ण कर चुकी है,इसीलिए अब यहां हम सरकार को दोबारा इस संबंध में समय देकर इस मामले को लंबा नहीं खींचना चाहते l
पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुशील कश्यप एवं संरक्षक भास्कर सिंह का स्पष्ट तौर पर कहना है कि इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा (एटीआरई) एक पात्रता परीक्षा है यह भर्ती का सिलेक्शन पार्ट नहीं है तथा 60% एवं 65 % कटऑफ के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ डबल बेंच एवं सुप्रीम कोर्ट में भी इस बात को स्वीकार किया है तथा इस संबंध में लखनऊ डबल बेंच एवं सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर भी है एवं सरकार का इस भर्ती के लिए निकाला गया शासनादेश भी उपलब्ध है जो यह बताता है कि सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा इस भर्ती का सिलेक्शन पार्ट नहीं है बल्कि यह एक पात्रता परीक्षा है।
पिछडा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश चौधरी का कहना है कि लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच के जस्टिस ओपी शुक्ला ने 13 मार्च 2023 को दिए गए अपने आदेश में स्पष्ट तौर पर इस भर्ती की जून 2020 को जारी की गई पूरी लिस्ट को अभ्यर्थियों के गुणांक, कैटिगरी, सबकैटिगरी एवं जन्मतिथि आदि में बनाने के आदेश दिए हैं तथा लिस्ट को बेसिक शिक्षा विभाग की साइट पर अपलोड करने का निर्देश भी दिया है और स्पष्ट कहा है कि सरकार इस भर्ती की लिस्ट को मूलचयन सूची के रूप में बनाकर उसमें आरक्षित वर्ग ओबीसी को दिया जाने वाला 27% , एससी वर्ग को 21% एवं एसटी वर्ग को दिया जाने वाला 2% आरक्षण दिखाकर इसके आधार पर दी जाने वाली सीटों की संख्या को दिखाएं तथा कितने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के तहत की गई है यह भी दिखाए, लेकिन लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को आए हुए 2 माह से अधिक का समय बीत गया अभी तक सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची अभी तक नहीं बनाई है और ना ही उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ डबल बेंच में अपनी तरफ से स्पेशल अपील दाखिल की है l