लखनऊ। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री ने बताया कि 10 सूत्री मांग पत्र पर कार्मिक उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव द्वारा बैठक दिनांक 13 /1/2023 को को बैठक हुई थी जिसमें सभी बिंदुओं पर निर्देश जारी किए गए थे लेकिन आज तक 3 महीने व्यतीत हो जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिसके कारण प्रदेश के कर्मचारियों में गहरा आक्रोश प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से उन्नीस सौ ग्रेड पर समस्त विभागों को सामूहिक रूप से लागू किए जाने की कार्मिक विभाग द्वारा सहमति जारी किए जाने के बाद ही वित्त विभाग द्वारा अभी तक आदेश निर्गत नहीं किए गए। जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को 1/1/2016 16 से सभी को अपने अपने विभागीय प्रशासकीय विभाग से जारी करा कर लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे इसका स्पष्ट रूप से शासनादेश भी जारी कर दिया गया था लेकिन विभागों द्वारा इसका लाभ कई विभाग में अभी सामूहिक रूप से नहीं मिल पाया जबकि कई विभागों में इसका लाभ मिल चुका है संगठन द्वारा मुख्य सचिव कार्मिक से वार्ता के समय अनुरोध किया गया था कि सामूहिक रूप से समस्त विभाग के कर्मचारियों को ग्रेड पे उन्नीस सौ दिए जाने के शासनादेश निर्गत कर दिया जाए।
जिससे वेतन विसंगति को दूर किया जा सके उन्होंने यह भी बताया कि सचिवालय में पीआरडी जवानों को ₹395 रुपए रुपए भुगतान किए जा रहे हैं उन्होंने मुख्यमंत्री जी से पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि सचिवालय या अन्य विभागों में कार्य कर रहे पीआरडी जवानों का अवकाश का दिन पैसा भुगतान किया जाए तथा उन को न्यूनतम ₹30000 प्रतिमा वेतन निर्धारित किया जाए जिससे उनका परिवार आज की महंगाई के दौर में अच्छे से जीवन यापन हो सके।
इस महंगाई के दौर में पीआरडी जवान अपने परिवार को 350 ₹95 में जीवन यापन नहीं कर सकते पुनः उन्होंने पत्र लिखकर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव कार्मिक उत्तर प्रदेश शासन को अनुरोध किया है कि दिनांक 13 एक 2023 को हुए बैठक में जारी के निर्देशों का शीघ्र अनुपालन के जाने के समस्त उन विभागों को निर्देश जारी किए जाएं समस्त विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की काफी कमी होने के कारण राजकीय कार्य प्रभावित हो रहा है और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों कमी होने आउटसोर्सिंग व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाए।
समस्त विभागों में रिक्त पदों को अस्थाई रूप से भरा जाए उत्तर प्रदेश में साढे 400000 पद रिक्त हैं जो भरे जाएं जिससे युवाओं को अस्थाई रोजगार मिल सके समय रहते यदि कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में गांधीवादी आंदोलन करने की घोषणा की जाएगी।