ऐसा क्या हुआ कि जिलाधिकारी ने एसडीएम के छीन लिए कई अधिकार

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आरोपी लिपिक को क्लिन चिट देने के मामले में हुई कार्रवाई

परीक्षा माफिया के साथ लिपिक की संलिप्तता का मामले लगा था आरोप

शिक्षा माफिया के साथ संलिप्तता के मामले में परीक्षाओं का पटल देखने वाले लिपिक लक्ष्मीशंकर यादव को क्लीन चिट देने वाले एडीएम सिटी मदन कुमार के अधिकारों में कटौती की गई है। उनके कई महत्वपूर्ण अधिकार छीनकर सिटी मजिस्ट्रेट को दे दिए गए हैं। लिपिक को भी हटाकर मेजा तहसील भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लेखपाल मुख्य परीक्षा-2021 के दौरान चेतना गर्ल इंटर कॉलेज के केंद्र पर नकल के मामले में परीक्षा माफिया के साथ लिपिक की संलिप्तता संबंधी एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार की रिपोर्ट को दबाए जाने का मामला कुछ अफसरों के गले की हड्डी बन सकता है। एडीजी कानून व्यवस्था ने जब डीजीपी की संस्तुति से इस मामले में एडीएम सिटी के लिपिक और उसके सहायक बृजपाल को हटाने के लिए मंडलायुक्त को पत्र लिखा, तब डीएम ने इस मामले की जांच एडीएम सिटी मदन कुमार से कराई थी।
एडीएम सिटी ने इस मामले में लिपिक लक्ष्मी शंकर को क्लीन चिट दे दी। एडीएम सिटी की इस रिपोर्ट पर डीएम ने दोबारा मुख्य राजस्व अधिकारी कुंवर पंकज से भी राय मांगी। तब सीआरओ ने भी एडीएम सिटी की जांच रिपोर्ट पर अपनी सहमति जता दी। इसके बाद इस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस मामले में लिपिक का सहायक बृजपाल फरार है।
एडीजी की रिपोर्ट का खुलासा के बाद डीएम ने परीक्षा माफिया के साथ संलिप्त पाए गए लिपिक लक्ष्मीशंकर को हटाकर मेजा तहसील भेज दिया। इसके साथ ही एडीएम सिटी के भी कई महत्वपूर्ण अधिकार छीन लिए। इनमें नजारत, शस्त्र अनुभाग, न्यायिक अभिलेखालय, शस्त्र लाइसेंसों का नवीनीकरण, आवास आवंटन समेत कई अहम अधिकार शामिल हैं। हालांकि एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार की रिपोर्ट में लिपिक लक्ष्मी शंकर और उसके सहायक बृजपाल को गैर जनपद स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है।
परीक्षा माफिया से एडीएम सिटी कार्यालय के लिपिक की संलिप्तता मामले की अब नए सिरे से जांच कराई जाएगी। डीएम संजय कुमार खत्री ने इसके संकेत दिए हैं। नए जांच अधिकारी को मंगलवार को नामित किया जा सकता है। माना जा रहा है कि अगर गहराई से जांच की गई तो प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की जड़ों को लेकर कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
एडीजी कानून व्यवस्था की रिपोर्ट के बाद चार महीने तक प्रतियोगी परीक्षाओं का पटल देखने वाले लिपिक लक्ष्मीशंकर यादव को न हटाया जाना भी सवालों के घेरे में है। इस दौरान वह कई प्रतियोगी परीक्षाओं का केंद्र निर्धारण कराने, कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी तय कराने समेत परीक्षाओं से जुड़े अन्य गोपनीय कार्य कराता रहा है। हालांकि डीएम का कहना है कि एडीजी की 16 सितंबर 2022 की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित लिपिक को उन्होंने प्रतिकूल प्रविष्टि पहले ही दे दी थी।तो वहीं  लिपिक को रविवार को प्रतियोगी परीक्षाओं के पटल से हटा दिया गया।

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