लखनऊ। शांति और ख़ुशी बाहर नहीं बल्कि हमारे भीतर ही है। मनुष्य के जिं़दगी से जुड़ी इसी मूल मंत्र को साकार करने के लिए शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी साईंटिफिक कंवेंशन सेंटर में चिकित्सा जगत से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण विभाग यानी सर्जरी के चिकित्सकों का जमावड़ा देखने को मिला। मौका था 48वें यूपीएसआईकॉन में प्रतिभाग करने का। एसोसिएशनस ऑफ़ सर्जन ऑफ़ इंडिया की यूपी चैप्टर के अंतर्गत आयोजित कांफ्रेंस(यूपीएएसआईकॉन -22), सर्जरी विभाग राजधानी के प्रतिष्ठित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय(केजीएमयू)की ओर से इसका आयोजन किया गया। इस मौके पर यूपीएएसआईकॉन के आयोजक चेयरमैन प्रो. हरविंदर सिंह पाहवा ने बताया कि इस वर्ष के कांफ्रेंस का प्रसंग ‘‘सेफ़ सर्जरी सेवस् लाईफ़’’ यानी सुरक्षा के तहत सर्जरी से जिंदगी बचाना है। यही एक चिकित्सक की जिंदगी का सिद्धांत होता है जिसे पूरा करने के लिए हम सदैव तत्पर रहते हैं। प्रो. हरविंदर एस पाहवा ने बताया कि शुक्रवार का दिन विशेष कर वीडियो व्याख्यान का दिन था जिसमें डा. पंकज सिंह, डॉ. सत्येंद्र कुमार तिवारी, डॉ. मनोज, डॉ. सुरेश कुमार तथा डॉ. अमरजोत ने मूलतः बेसिक सर्जरी से चिकित्सकों को संबोधित किया। इस मौके पर आयोजन सचिव डॉ. अक्षय आनंद तथा डॉ. अजय कुमार पाल ने बताया कि डॉ. कुलरंजन सिंह, डॉ. सादिक़ अख़्तर, डॉ. रूद्रमणि एवं डॉ. भूपेंद्र कुमार की ओर से विशेषकर थायोराइड, गॉल ब्लैडर, एनगुइनल हर्निया तथा चेस्ट टयूब इंर्सशन पर व्याख्यान दिया गया जो काफ़ी दिलचस्प और ज्ञानवर्धक रहा। वहीं अतिविशिष्ट अतिथि के तौर पर आगरा के वरिष्ठ सर्जन डॉ. एसडी मौर्य ने लैप्रोस्कोपिक सीबीडी एक्सप्लोरेशन यानी दूरबीन विधि से पित्त की नली की सर्जरी पर अपना अतिथित्व भाषण दिया।
48वें यूपीएएसआईकॉन22 में इस अवसर पर कैडवरिक वर्कशॉप का भी आयोजन डॉ. मनीष अग्रवाल(सह सचिव)एवं डॉ. कुशाग्र गौरव(सह सचिव) द्वारा किया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की सर्जरी प्रदर्शित की गयी। आयोजक चेयरमैन प्रो. एचएस पाहवा ने बताया कि कांफ्रेंस में प्रदेश एवं देश भर के लगभग 500 से अधिक ख्याति प्राप्त सर्जन सम्मिलित हुए हैं जिसका समापन रविवार 16 अक्टूबर को होगा। जबकि शनिवार 15 अक्टूबर को इसका विधिवत उद्घाटन केजीएमयू कुलपति लेफ़्ट ज. डॉ. बिपिन पूरी की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि डॉ. सिदेश जी(अध्यक्ष एसो. सर्जन ऑफ़ इंडिया) की उपस्थिति में किया जाएगा।