आजमगढ़।आप के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों की संख्या में महंगाई डायन खात है के खिलाफ निकाला पैदल मार्च
केंद्र सरकार प्रदेश सरकार के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे जिला अध्यक्ष रविंद्र यादव के नेतृत्व में पीएम मोदी जनता पर टैक्स का बोझ लादते हैं, मितरो का क़र्ज़ माफ़ करते हैं
मोदी सरकार 15 लाख करोड़ का हिसाब दें वरना गद्दी छोड़ दें प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 15 लाख करोड़ का घोटाला किया गया है सरकार इस पर कुछ नहीं बोलती
वही प्रांतीय अध्यक्ष राजेश यादव के नेतृत्व में एक विशाल पदयात्रा निकालकर सरकार के खिलाफ महंगाई के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया गया मैं मीडिया से बात करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष राजेश यादव ने भाजपा सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने मित्रर कारपोरेट घरानों के 5 लाख करोड़ का टैक्स माफ कर दिया. और उनका टैक्स घटाकर 22% कर दिया जिसकी वसूली आम जनता से गेहूं दूध, दही, छाछ, आटा, दाल, चावल पर जीएसटी लगाकर की जा रही हैंं।
मोदी सरकार ने अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुँचाने के लिए जनता के साथ विश्वासघात किया है। मोदी सरकार जिस तरह सरकारी सम्पत्तियों को बेच रही है इससे पूंजीपतियों को फायदा पहुँच रहा है और इस घाटे को पूरा करने के लिए जनता के ऊपर अतिरिक्त टैक्स लगाकर उन्हें आर्थिक रूप से कमज़ोर किया जा रहा है।
अब मोदी सरकार 15 लाख करोड़ का हिसाब दे वरना गद्दी छोड़ दे बड़ी संस्थाएं सरकार से सांठ गाँठ कर अपना कर्ज़ा माफ़ करवा रही हैं वो अविश्वसनीय है।
जिलाध्यक्ष रवींद्र यादव ने कहा कि आधुनिक मेटालिक्स लिमिटेड 5371 करोड़ के कर्ज़े में डूबी थी लेकिन 410 करोड़ में इनका समझौता हो गया. अशोक इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड 29524 का कर्ज़ा इन पर था लेकिन 5052 करोड़ रूपये में इनका सेटेलमेंट हो गया। एम् टेक ऑटो लिमिटेड कम्पनी पर 12641 करोड़ का कर्ज़ा था लेकिन इनका सेटेलमेंट 2615 करोड़ रूपये देकर ये भी बरी हो गए, बड़ी संख्या में ऐसी डिफॉल्टर कंपनियों के बारे में बताते हुए कहा की ऐसी कंपनियों का कुल 353655 करोड़ रुपया माफ़ कर दिया गया, क्या ये दुखद और चौंकाने वाले तथ्य नहीं है प्रदेश सचिव कृपाशंकर पाठक ने कहा आज देश का किसान फसल का दाम न मिलने के कारण आत्महत्या कर रहा है, बेरोज़गार नौकरी न पाने के दुःख में डेप्रेशन में आकर ख़ुदकुशी कर लेता है लेकिन इन लोगों का क्या जो देश का पैसा गबन कर के बैठे हैं।