मारपीट के मामले में पीड़ित परिवार ने लगाई पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार
आजमगढ़। पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए पत्रकारों से हुई बातचीत में प्रार्थी दीनदयाल चौहान ने बताया कि भतिजे सूरज चौहान अपने मित्रों व परिवार के लड़कों के साथ बारात में शामिल होकर मड़या आजमगढ़ गये थे।
रात्रि लगभग 10 बजे मुहल्ला के लड़के शराब के नशे में धुत होकर आपस में मार-पीट करने लगे। प्रार्थी के भतिजे व उसके साथ गये लड़कों को भी उक्त मुहल्ले के लोगों ने मारना पिटना शुरू किया अपने बचाव में प्रार्थी के भतिजे सूरज को भी हाथ में चोटे आयी है मुहल्ले में चार नामजद दो अन्य व्यक्ति नाम व पता अज्ञात अपने हाथ में चाकू लेकर उक्त मुहल्ले के लड़कों के आपसी विवाद व मारपीट से प्रार्थी के भतिजे व उसके साथ आये लड़कों पर जान लेवा हमला कर दिये जिससे मेरे भतिजे सुरज के हाथ में चाकू मारकर लहलुहान कर दिया एवं भतिजे का हत्या का प्रयास किया गया है। कोतवाली पुलिस द्वारा मेडिकल कराने के लिये ले जाते समय चार नाबालिक बच्चों से कहा गया कि तुम सब अपनी उम्र 18 से उपर बताना जब कि बच्चे पुलिस से यह कहते रहे कि हम लोग अभी नाबालिक हैं लेकिन पुलिस ने डॉटकर मेडिकल मुआयना करा दिया और अपने एफआई०आर० एवं मजरूमी चिट्ठी में चारों नाबालिक बच्चों की उम्र 18 से उपर दो बच्चों का 18 से नीचे दर्शा दी गयी जब कि थाने पर दिनांक 11.03.2023 को सुबह 11 बजे ही बच्चो की उम्र प्रमाण पत्र (हाई स्कूल अंकपत्र की छाया प्रति) दे दिया गया था किन्तु पुलिस न जाने किसके दबाव में इसका संज्ञान नहीं ली मेरे भतिजे व अन्य के विरूद्ध झूठे तहरीर दिया गया है और उन्हे झूठा फंसाकर जेल भेजा गया है। इस सम्बन्ध में प्रार्थी ने प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सदर आजमगढ़ को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किये जाने एवं मेरे बच्चों के उपर लगे धारा 307 से विरत करने हेतु निवेदन किया किन्तु अभी तक हमारे आवेदन पत्र पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लम्बित है। उक्त अपराधियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य द्वारा सम्बन्धित को आदेशीत करने की मांग की आपको यह भी अवगत कराना है कि जेल भेजे गये चारो बच्चे नाबालिक हैं बच्चों के उपर लगे आरोप असत्य एवं निराधार है।