विकास के वादों का ग्रामीणों ने दिखाया आईना, 10 साल से सड़क ठप,जनता ने किया हाईवे बंद 

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आजमगढ /अतरौलिया। सड़क की बदहाल स्थिति से परेशान ग्रामीणों का गुस्सा आखिरकार फूट पड़ा। मंगलवार को अतरौलिया तहसील क्षेत्र के कनैला सहित दर्जनभर गांवों के लोगों ने सिकंदरपुर चौराहे पर प्रदर्शन कर नेशनल हाईवे-233 को करीब दो घंटे तक जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों की चेतावनी और सड़क निर्माण की मांग को लेकर सड़क पर आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।ग्रामीणों का आरोप है कि सिकंदरपुर-नरियाव मार्ग पिछले दस वर्षों से जर्जर पड़ा है। स्थिति यह है कि इस रास्ते पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बावजूद इसके शासन-प्रशासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सुबह करीब 11 बजे कनैला चौराहे पर एकत्र हुए ग्रामीणों ने पदयात्रा करते हुए सिकंदरपुर चौराहे तक मार्च निकाला और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को दोपहर 1 बजे तक का अल्टीमेटम दिया कि यदि कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा तो वे हाईवे को पूरी तरह जाम कर देंगे। समयसीमा पूरी होने के बावजूद कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे-233 को जाम कर दिया,स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपजिलाधिकारी बुढ़नपुर नंदिनी शाह मौके पर पहुंचीं और प्रदर्शनकारियों से बात की। उन्होंने जिलाधिकारी आज़मगढ़ से फोन पर वार्ता की और आश्वासन दिया कि 30 सितंबर से सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि तय समयसीमा तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है, जो आज़मगढ़, अंबेडकरनगर, संत कबीरनगर, गोरखपुर और बस्ती जिलों से होकर गुजरता है। इस मार्ग पर बालिका विद्यालय, राजकीय पॉलिटेक्निक और डिग्री कॉलेज जैसे कई शैक्षणिक संस्थान स्थित हैं। इसके बावजूद सड़क की उपेक्षा शासन की मंशा पर सवाल खड़ा करती है।

ग्रामीण नेता रजनीकांत पांडेय ने दो टूक कहा कि यदि निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो अगली बार जाम नहीं, बल्कि तालाबंदी और आमरण अनशन तक किया जाएगा।

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