लखनऊ
उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता कार्य पर राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन के अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि ग्राम पंचायतों कार्य में पारदर्शिता को सरकार सिर्फ दिखावा कर रही है जबकि हकीकत धरातल पर उल्टा हैं।सरकार ने डिजिटल इंडिया, ई-गवर्नेंस और पंचायतों में पारदर्शिता लाने के नाम पर कई योजनाएं लागू की हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी है,
ऑनलाइन पोर्टल्स और डिजिटल केवल दिखावा है,वेबसाइट्स और पोर्टल्स बनाए तो गए हैं, लेकिन ग्राम स्तर पर इंटरनेट, बिजली और साक्षरता की स्थिति इतनी खराब है कि वे प्रभावी नहीं हो पा रहे मनरेगा, शौचालय निर्माण, सड़क निर्माण आदि में अफसर और ठेकेदार मिलकर फर्जीवाडा कर रहे है ,जिसे जनता ने अपनी आंखों से देखा है,पैसा दो काम लो। सरकार द्वारा पारदर्शिता के जो दावे किए जाते हैं, वे अक्सर सिर्फ दिखावे तक ही सीमित रह जाते हैं। जब तक ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही, जनभागीदारी और निगरानी नहीं बढ़ाई जाती, तबतक पारदर्शिता सिर्फ एक शब्द ही रह जाएगी।