मंडलीय जिला चिकित्सालय में अधर में लटकी जांच, करोड़ों रुपये का गोलमाल
जाने कब होगी 2 करोड़ 13 लाख 94 हजार 315 रुपए की जाँच पूरी।।
आजमगढ़।।मंडलीय जिलास्पताल इन दिनों अपने नये नये कारनामों और दुर्व्यवस्था के चलते सुर्खियों में बना रहता है।
इलाज व ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से अवैध धन उगाही करना, मरीज को निजी संस्थानों से महंगी और कमीशन युक्त बाहर की दवाइयां को लिखना, लावारिस वार्ड में बेड पर पड़े बेहोश मरीज का इंतजार करती बेड के नीचे रखी भोजन की थाली जिसका इलाज के अभाव में और भूख प्यास से मौत हो जाना, दुर्व्यवस्था और अवैध धन उगाही की खबरों को प्रकाशित करने पर पत्रकार को जिला अस्पताल में आने से रोक लगाना आदि। इस क्रम में जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए के गोलमाल का खेल का आरोप लगाते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच और कार्रवाई की मांग की हैं।
जिला अस्पताल के मनमाने अधिकारियों ने अस्पताल में करोड़ों रुपए की ओवर बजट की जांच आठ माह से अधर में लटकी पड़ी है। आरोप है कि उच्य अधिकारियों के बिना अनुमति के अस्पताल के बजट की बंदर वाट की गई थी। डीजी हेल्थ के संज्ञान में वित्तीय अनियमितता मिलने पर इसकी जांच के लिए निदेशक वित्त को आदेश दिए थे। डीजी हेल्थ के आदेश के आठ माह बाद भी जांच शुरू नहीं हो सकी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने-अपने स्तर और दमखम से मामले को सेटल करने के प्रयास में जुट गए हैं। मंडलीय जिला अस्पताल में प्रमुख अधीक्षक ने 2.13 करोड़ का ओवर बजट मांगा था। उन्होंने पत्र में बताया था अस्पताल 312 बेड का बजट 212 वेड का जारी किया गया है। इससे विल पेंडिंग एसआइसी ने अस्पताल सज्जा और सर्जिकल 40 लाख 64 हजार 596 रुपए खर्च होने इसके साथ ही अनुरक्षण में 93 लाख 45 हजार 937 खर्च होने अन्य व्यय में 14 लाख 67 हजार 991 रुपये खर्च होने, भोजन के मद में 81 लाक दो हजार 985 रुपए खर्च होना बताया था। इसके साथ ही अस्पताल की साज सज्जा और सर्जिकल सामान खरीदने का एक करोड़ 21 लाख 34 हजार दो रुपये का बकाया होने, अतिरिक्त साज सज्जा और एक्सरे का बकाया 22 लाख 75 हजार 179 रुपये का बकाया, अनुरक्षण के मद में 27 लाख 77 हजार 884 रुपये का बकाया, अन्य व्यय में 12 लाख 32 हजार 426 रुपये और भोजन के मद में 29 लाख 74 हजार 824 रुपये कुल दो करोड़ 13 लाख 94 हजार 315 रुपये का बकाया बता कर ओवर बजट मांगे थे। आरोप था कि अस्पताल की साज सज्जा और सर्जिकल सामानों की खरीद कर हेरा फेरी किया गया था। विना उच्च अधिकरियों के जानकारी में लिए खरीदारी की गई थी। मामला पकड़ में आ गया। डीजी हेल्थ ने निदेशक वित्त से जांच कर रिपोर्ट मांगी। वहीं योगी सरकार में हालत यह है कि अब योगी सरकार के कैबिनेट मत्री को भी पत्र लिखकर मामूली से आजमगढ़ मंडली चिकित्सालय में हुए घोटाले की जांच हेतु निवेदन करना पड़ रहा है। तो सोचने वाली बात यह है कि योगी सरकार के मंत्रियों के हालत क्या हैक्या उनका पद केवल दिखावे के लिए दिया गया है। तो आखिरी यह मंत्री गण कैसे करेंगे जनता की समस्याओं का समाधान।।