आए दिन अभिभावक किताबें और फीस को लेकर करते हैं प्रशासन से शिकायत नहीं होती कोई कार्रवाई
बिना मान्यता के साथ साथ नियमों को भी ताख पर रख कर आजमगढ़ जिले में चल रहें हैं सीबीएसई बोर्ड के नाम पर कई बड़े विद्यालय।
गैर मान्यता विद्यालय भी फीस के नाम पर किताबों के नाम पर कर रहे हैं लूट।।
अभिभावकों से सीबीएसई के नाम पर खेला जा रहा है खेल आजमगढ़ समेत इन दिनों पूरे उत्तर प्रदेश में सीबीएसई पैटर्न के नाम पर एक बड़ा खेल खेला जा रहा है।
वही बात करें आजमगढ़ की तो आजमगढ़ में भी बिना मान्यता कुछ ऐसी बड़ी बड़ीं इमारतें तैयार हो गई है जिनकों देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।
बता दे कि इन इमारत की पीछे की सच्चाई है कि इन विद्यालयों में ना ही सीबीएसई बोर्ड की मान्यता है नहीं इन स्कूलों को सीबीएसई आईसीएसई बोर्ड के तरफ से कोई भी अथॉरिटी दी गई है लेकिन सीबीएसई बोर्ड के नाम पर पूरे जिले में लूट घसट कि जा रही है। वहीं जिन विद्यालयों के पास सीबीएसई बोर्ड कि मान्यता है वह मानक अनुरूप विद्यालय चला रहे हैं एनसीईआरटी की किताबें भी चला जा रहे है और फीस भी एक दायरें में हैं।
लेकिन इसके ठीक विपरीत जिन विद्यालयों के पास मान्यता नहीं है वह ना ही एनसीईआरटी कि किताबें चला रहे हैं ना हीं सीबीएसई के रूल को फॉलो करते हैं नहीं इनके फीस का कोई दायार सीमित है बस सीबीएसई बोर्ड के नाम पर मनमानी फीस वसूल रहे है।बतादें कि जिले के कई बाईपासों पर कई विद्यालय हैं जहाँ कहीं कक्षा 5 तो कहीं कक्षा 8 तक ही मान्यता है और 10 की 12 वीं कक्षाओं को संचालित करते है शहर समेत अन्य क्षेत्रों में भी इस तरह के विद्यालय चलाए जा रहे हैं जहां मान्यता कक्षा 5 तक है और विद्यालय 12वीं तक सीबीएसई पैटर्न या सीबीएसई बोर्ड के नाम पर चलाया जा रहा है वहीं इन विद्यालय में फीस की बात करें तो जिसका कोई भी मानक निश्चित नहीं है सीबीएसई बोर्ड फीस का क्या मानक तय करता है यह कोई भी नहीं जानता, सभी प्राइवेट स्कूलों में मनमानी तरीके से फीस ली जाती है।
तो वहीं बड़ा सवाल यह है कि आखिर सीबीएसई बोर्ड के नाम पर इस तरह की लूट क्यों हो रही है आखिर सीबीएसई के नाम पर कौन देता है इन विद्यालयों को शह क्या सीबीएसई बोर्ड के विद्यालय पर अंकुश लगाने वाला कोई भी अधिकारी नहीं है।