सरकार की सहकारी नीति का भांडाफूट गया-लोकदल

Politics उत्तर प्रदेश

सरकार सार्वजनिक संसाधनों को भी कॉर्पोरेट हितों के हवाले करना चाहती है-लोकदल

लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह ने समितियों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश करने वाली सरकार का भंडाफोड़ दिया है,और समितियों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए , कहा कि देश में सहकारी आंदोलन को मज़बूत करने के दावे करने वाली सरकार की असलियत अब सामने आ चुकी है। हाल ही में सामने आई योजनाओं और फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार की सहकारी नीति का असली मकसद सहकारी संस्थाओं को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपना है। यह नीति किसानों, मजदूरों और आम जनता के हितों के विपरीत बताया है,देश में सहकारी आंदोलन को मज़बूत करने के दावे करने वाली सरकार की असलियत अब सामने आ चुकी है। हाल ही में सामने आई योजनाओं और फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार की सहकारी नीति का असली मकसद सहकारी संस्थाओं को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपना है। यह नीति किसानों, मजदूरों और आम जनता के हितों के विपरीत है, ये सभी संकेत इस बात का सबूत हैं कि सरकार सार्वजनिक संसाधनों को भी कॉर्पोरेट हितों के हवाले करना चाहती है। हम इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं और माँग करते हैं कि सहकारी संस्थाओं को उनके मूल उद्देश्यों सामूहिक भागीदारी, स्थानीय नेतृत्व, और ग्रामीण सशक्तिकरण के अनुरूप ही चलाया जाए। सरकार को चाहिए कि वह पारदर्शी नीति बनाए, और निजीकरण के इस गुप्त एजेंडे को तुरंत बंद करे।

सुनील सिंह ने कहा किसान देश की आत्मा हैं,और सहकारी समितियाँ उनके सहयोग की धुरी। इस धुरी को तोड़ने की साजिश को देश का अन्नदाता कभी स्वीकार नहीं करेगा।

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