एलडीए का जोन 5,बना अवैध निर्माणों की मंडी,जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

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भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का नारा देने वाली भाजपा सरकार में लखनऊ बन गया भ्रष्टाचार युक्त अवैध बिल्डिंगों का जखीरा।।

लखनऊ।। युँ तो उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करती है, और बड़े-बड़े दावे करती है।

तो वहीं दूसरी तरफ लखनऊ विकास प्राधिकरण के पुराने मानक की आड़ जमकर भ्रष्टाचार कर रहा है। जिसकी वजह से लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी हर महीने लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं और सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के जुमले को खोखला साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। आपको बता दें कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ज़ोन 5 के इंदिरा नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत नंद लाल बगिया में 83 अवैध रो हाउस बनकर तैयार हो चुके हैं, जोकि बिना मानचित्र और ले- आउट के ही अवैध निर्माण हो गया।
वहीं अगर बात करें लखनऊ के अयोध्या मार्ग स्थित गणेशपुर रहमानपूर की तो वहां पर भी अवैध निर्माण जोरो पर है।जिसकी वजह से प्रवर्तन जोन 5 के JE-AE की कार्यशैली संदिग्ध नजर आ रही है, दूसरी तरफ हिमसीटी इन्क्लेव पार्ट 3 तिवारी गंज के नज़दीक़ भी अवैध रूप रो हाउस बन रहे हैं। अगर बात करें मुंशीपुलिया, पानीगाँव, राजीव नगर, पटेल नगर, मुलायम नगर की तो यह पूरा क्षेत्र अवैध निर्माणों की मंडी बन चुका है। खास तौर पर तिवारीगंज नंद लाल की बगिया के पास बने 83 रो हाउस एक बार फिर से अवैध निर्माण की वजह से चर्चा का विषय बना है, यहां का लगभग पूरा क्षेत्र अवैध निर्माण के जाल से घिरा हुआ है। ज़ोन 5(पाँच) के मुंशीपुलिया , पटेल नगर, राजीव नगर , मुलायम नगर तिवारीगंज में 83 अवैध रो हाउस और अवैध निर्माण का सिलसिला नहीं थम रहा है। अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले एलडीए अभियंता और बिल्डर प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे हैं, साथ ही साथ हज़ारों लोगों के जीवन को भी ख़तरे में डाल रहे हैं। हालात यह इस तरह के अवैध इमारतों में लोग रहने भी लगे हैं। यह स्थिति न केवल नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा करती है।
इस मामले में एक और गंभीर आरोप यह है कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारी और अभियंता हर महीने मोटी रकम वसूल रहे हैं। इसी वजह से अवैध निर्माण पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

वैसे तो राजधानी लखनऊ में विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाला शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां अवैध निर्माण की मंडी ना हो। अगर बात करें जोन 6 के अंतर्गत अमीनाबाद, लाटूश रोड,मॉडल हाउस इन सभी क्षेत्रों में अनेकों बहुमंजी इमारत बनाकर के तैयार हो चुकी है,लेकिन प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत से अवैध निर्माण बनाकर के तैयार हो चुका है और वर्षों से लोग उसमें रह रहे हैं और प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी जमकर के माल कमा रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि कैसे स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण के बीच मिलीभगत ने अवैध निर्माण के इस जाल को और अधिक मजबूत बना दिया है। अब देखना वाली यह होगी कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं।

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